अच्छी ख़बर | गढ़वाल मंडल को बिजली कटौती से मिलेगी मुक्ति

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अच्छी ख़बर | गढ़वाल मंडल को बिजली कटौती से मिलेगी मुक्ति

सोमवार को देहरादून स्थित विद्युत भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 400/220/132 केवी सबस्टेशन श्रीनगर गढ़वाल व 400 केवी डबल सर्किट श्रीनगर-श्रीनगर पारेषण लाईन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इसे राज्य के विकास में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अब प्रदेश में मुख्यतः गढ़वाल क्षेत्र में निर्बाध बिजली मिल सकेगी। पावर हाउसों


सोमवार को देहरादून स्थित विद्युत भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 400/220/132 केवी सबस्टेशन श्रीनगर गढ़वाल व 400 केवी डबल सर्किट श्रीनगर-श्रीनगर पारेषण लाईन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इसे राज्य के विकास में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अब प्रदेश में मुख्यतः गढ़वाल क्षेत्र में निर्बाध बिजली मिल सकेगी।

पावर हाउसों की क्षमता बढ़ेंगी | मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि सभी पावर हाउसों की क्षमता बढ़ाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए। बरसात में सिल्ट से बिजली उत्पादन बाधित होने का समाधान निकाला जाए। पिटकुल को इस वर्ष 115 करोड़ रूपए का लाभ हुआ है। इसमें से 15 करोड़ रूपए 1-2 मेगावाट के पावर प्रोजेक्ट ग्राम पंचायतों की सहभागिता से स्थापित करने में निवेश करें। इसे एक अभियान के तौर पर संचालित किया जाए।

मौसम प्रूफ विद्युत सिस्टम | रावत ने कहा कि प्रदेशवासियों को गुणवत्ता के साथ बिजली उपलब्ध करवाने में भौगोलिक विषमताएं सबसे बड़ी बाधाएं हैं। हमें अपने विद्युत सिस्टम को मौसम-प्रूफ बनाना होगा। भारी बरसात, आंधी बवंडर की स्थिति में बिजली बहुत बाधित हो जाती है। इसका कोई न कोई हल निकालना होगा। पिछले दो वर्षों में ऊर्जा विभाग में बेहतर कार्य पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छा प्रदर्शन हमें अपनी आदत में शामिल करना होगा। उन्होंने कहा कि पिटकुल सहित अन्य ऊर्जा कम्पनियों को जितना लाभ हो उसका एक हिस्सा अपने कर्मचारियों में विकसित करे। इसमें मजदूर भी शामिल हों। हमारा प्रयास है कि अगले कुछ समय में ट्रांसपोर्ट कारपोरशन को भी लाभ की स्थिति में ले आएं। उरेड़ा भी अब बेहतर काम करना लगा है। मार्च 2017 तक उरेड़ा 220 मेगावाट बिजली उत्पादित करने लगेगा। हम लखवाड़, किसाऊ, व्यासी पर फोकस कर रहे हैं।

24 घंटे बिजली | रावत ने कहा कि कन्ज्यूमर व सर्विस ओरिएंटेड एप्रोच रखें। राज्य सरकार उद्योगों को कानूनी रूप से उद्योगों को 24 घंटे गुणवत्ता युक्त बिजली प्रदान करने पर विचार किया जा रहा है। उत्तराखंड सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध करवाने वाले राज्यों शामिल है। कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कहा कि 400 केवी सबस्टेशन राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।

पर्वतीय क्षेत्र में सबसे बड़ी बिजलीघर | कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि 400 के.वी. उपकेन्द्र श्रीनगर,उत्तराखण्ड राज्य के पर्वतीय क्षेत्र में स्थापित सबसे बड़ा बिजलीघर है, जिसके स्वीचयार्ड  को 23 स्टेप्स में निर्मित किया गया है, जो समूचे भारत में अति दुर्गम भोगौलिक क्षेत्र एवं समुद्र तल से अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित अपनी तरह का पहला 630 एमवीए क्षमता का बिजली घर है। इसके निर्माण में अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग किया गया है। इसके निर्माण से गढ़वाल मण्डल के जनपदों पौड़ी, रूद्रप्रयाग, टिहरी एवं चमोली में वांछित विद्युत सुधार हुआ है।

यूपी को नहीं गढ़वाल को मिलेगी बिजली | नवनिर्मित 400 के.वी. उपसंस्थान, श्रीनगर के सीधे के जी.वी.के(अलकनन्दा हाइड्रो) विद्युत परियोजना से जुड़ने से उत्तराखण्ड को मिलने वाली विद्युत उत्तर प्रदेश को न जाकर सीधे तौर पर गढ़वाल क्षेत्र को प्राप्त होगी। भविष्य में 400 के.वी. उपस्थान, श्रीनगर, 400 केवी काशीपुर से होकर पावरग्रिड के नेटवर्क के माध्यम से उत्तरी ग्रिड से कनेक्ट हो जायेगा। जिससे राज्य के साथ-साथ उत्तरी ग्रिड भी सुदृढ़ होगा।

रेटिंग में हुआ सुधार | पिटकुल हर क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। वर्ष 2012-13 में पहली बार रू. 7.43 करोड़ लाभ में आने के बाद यह वर्ष 2015-16 में बढ़कर रू.115 करोड़ हो गया है और निरन्तर लाभ अर्जित कर रहा है। पिटकुल ने पारेषण हानियां 2.40 प्रतिशत से 1.71 प्रतिशत के निम्न स्तर तक लाने में सफलता पाई है। पारेषण तंत्र की उपलब्धता भी 99.46 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंची है। 41 उपकेन्द्रों के साथ पारेषण क्षमता 7872 एमवीए और पारेषण लाईनों की लम्बाई 3020 सर्किट किमी पहुंच गई है। यही कारण है कि वित्तीय संस्थानों द्वारा पिटकुल की क्रेडिट रेटिंग ’बी’ से बढाकर ’ए़+’ कर दी है। जिसके फलस्वरूप राज्य पर पड़ने वाले ब्याज भार में 0.5 प्रतिशत की कमी आई है।

हर गांव में इंटरनेट | प्रदेश में पारेषण तंत्र के विकास के लिए निरन्तर प्रयास के अन्तर्गत अत्याधुनिक जीआईएस बिजलीघरों का निर्माण, ऑप्टिकल फाईबर के द्वारा हर गांव तक इंटरनेट पहुंचाने की दिशा में पारेषण लाईनों का प्रयोग तथा अन्डरग्राउण्ड केबलिंग पर कार्य प्रगति पर है। वर्ष 2022 तक 16 नये उपकेन्द्रों के साथ 3485 एमवीए एवं 1605 सर्किट किमी. लाईनों का निर्माण करके उत्तरी ग्रिड को सुदृढ़ किये जाने की योजना है।

इस अवसर पर पौड़ी के विधायक सुंदरलाल मंद्रवाल, उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष सुभाष कुमार, प्रमुख सचिव डा.उमाकांत पंवार, एमडी पिटकुल सुमेर सिंह यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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