देश में हर साल बचेगी 20 अरब यूनिट बिजली, मंत्रालय लेगा यह फैसला

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देश में हर साल बचेगी 20 अरब यूनिट बिजली, मंत्रालय लेगा यह फैसला

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) बिजली मंत्रालय बिजली की खपत को कम करने के लिए बड़ा फैसला लेने जा रहा है। दरअसल, मंत्रालय आने वाले समय में एयर कंडीशनर के लिये तापमान का सामान्य स्तर 24 डिग्री नियत कर सकता है। अगर इस फैसले पर अमल होगा तो देश भर में सालाना 20 अरब यूनिट बिजली की


नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) बिजली मंत्रालय बिजली की खपत को कम करने के लिए बड़ा फैसला लेने जा रहा है। दरअसल, मंत्रालय आने वाले समय में एयर कंडीशनर के लिये तापमान का सामान्य स्तर 24 डिग्री नियत कर सकता है।

अगर इस फैसले पर अमल होगा तो देश भर में सालाना 20 अरब यूनिट बिजली की बचत होगी, साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने एयर कंडीशन (एसी) के क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने का अभियान शुरू करते हुए शुक्रवार को कहा, ‘एयर कंडीशनर में तापामान ऊंचा करने से बिजली खपत में छह प्रतिशत की कमी आती है।’

एयर कंडीशनर बनाने वाली प्रमुख कंपनियों एवं उनके संगठनों के साथ बैठक में उन्होंने कहा, ‘शरीर का सामान्य तापमान 36 से 37 डिग्री सेल्सियस है लेकिन वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, होटल और दफ्तरों में तापमान 18 से 21 डिग्री रखा जाता है। यह न केवल तकलीफदेह है बल्कि वास्तव में स्वास्थ्य के लिए भी ठीक नहीं है। इस तापमान में लोगों को गर्म कपड़े पहनने पड़ते हैं या कंबल का उपयोग करना होता है। यह वास्तव में ऊर्जा की बर्बादी है। इसको देखते हुए जापान जैसे कुछ देशों में तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रखने के लिए नियम बनाए गये हैं।’

यहां जारी आधिकारिक बयान के अनुसार बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाला ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने इस संदर्भ में एक अध्ययन कराया है। इसमें एयर कंडीशनर में तापमान 24 डिग्री सेल्सियस निर्धारित करने की सिफारिश की गई है। इस दिशा में शुरुआत करते हुए हवाईअड्डा, होटल, शापिंग मॉल समेत सभी वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और विनिर्माताओं को परामर्श जारी किया जाएगा।

बयान के अनुसार, ‘चार से छह महीने के जागरुकता अभियान के बाद लोगों की राय जानने के लिये सर्वे किया जाएगा। उसके बाद मंत्रालय इसे अनिवार्य करने पर विचार करेगा। अगर सभी ग्राहक इसे अपनाते हैं तो एक साल में ही 20 अरब यूनिट बिजली की बचत होगी।’

इसमें आगे और वृद्धि की उम्मीद है क्योंकि अभी देश में केवल 6 प्रतिशत घरों में एसी का उपयोग हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार अभी लगे एसी की क्षमता 8 करोड़ टीआर (टन आफ रेफ्रिजरेटर) है जो बढ़कर 2030 तक 25 करोड़ टीआर हो जाएगी।

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