फर्जी खबरें देने पर स्थायी रूप से रद्द होगी पत्रकारों की मान्यता

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फर्जी खबरें देने पर स्थायी रूप से रद्द होगी पत्रकारों की मान्यता

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के उपाय के तहत सरकार ने सोमवार को कहा कि अगर कोई पत्रकार फर्जी खबरें करता हुआ या इनका दुष्प्रचार करते हुए पाया जाता है तो उसकी मान्यता स्थायी रूप से रद्द की जा सकती है। (उत्तराखंड पोस्ट के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं, आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं) सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में


फर्जी खबरें देने पर स्थायी रूप से रद्द होगी पत्रकारों की मान्यता

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के उपाय के तहत सरकार ने सोमवार को कहा कि अगर कोई पत्रकार फर्जी खबरें करता हुआ या इनका दुष्प्रचार करते हुए पाया जाता है तो उसकी मान्यता स्थायी रूप से रद्द की जा सकती है। (उत्तराखंड पोस्ट के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैंआप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि पत्रकारों की मान्यता के लिये संशोधित दिशानिर्देशों के मुताबिक अगर फर्जी खबर के प्रकाशन या प्रसारण की पुष्टि होती है तो पहली बार ऐसा करते पाये जाने पर पत्रकार की मान्यता छह महीने के लिये निलंबित की जायेगी और दूसरी बार ऐसा करते पाये जाने पर उसकी मान्यता एक साल के लिये निलंबित की जायेगी।

इसके अनुसार, तीसरी बार उल्लंघन करते पाये जाने पर पत्रकार( महिला/ पुरूष) की मान्यता स्थायी रूप से रद्द कर दी जायेगी। मंत्रालय ने कहा कि अगर फर्जी खबर के मामले प्रिंट मीडिया से संबद्ध हैं तो इसकी कोई भी शिकायत भारतीय प्रेस परिषद( पीसीआई) को भेजी जायेगी और अगर यह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से संबद्ध पाया जाता है तो शिकायत न्यूज ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन( एनबीए) को भेजी जायेगी ताकि यह निर्धारित हो सके कि खबर फर्जी है या नहीं। मंत्रालय ने कहा कि इन एजेंसियों को 15 दिन के अंदर खबर के फर्जी होने का निर्धारण करना होगा।

फर्जी खबरें देने पर स्थायी रूप से रद्द होगी पत्रकारों की मान्यता

हाल ही में आधार डेटा में कथित सेंध की खबर प्रकाशित करने पर सरकार ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। हालांकि इस मामले में सरकार की ओर से पेश की गई सफाई में कहा गया है कि यह प्राथमिकी ‘अज्ञात’ आरोपियों के खिलाफ की गई है। इसके साथ ही सरकार ने प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।

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