…तो क्या फिर से बुलंद होगा कांग्रेस में बगावत का झंडा ?

  1. Home
  2. Dehradun

…तो क्या फिर से बुलंद होगा कांग्रेस में बगावत का झंडा ?

उत्तराखंड की सियासत एक बार फिर से करवट ले सकती है। 18 मार्च को आए सियासी संकट से हरीश रावत भले ही उबर गए लेकिन विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़े उत्तराखंड में मुख्यमंत्री हरीश रावत की मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिख रही हैं। खबरें हैं कि हरीश रावत मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कांग्रेस


उत्तराखंड की सियासत एक बार फिर से करवट ले सकती है। 18 मार्च को आए सियासी संकट से हरीश रावत भले ही उबर गए लेकिन विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़े उत्तराखंड में मुख्यमंत्री हरीश रावत की मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिख रही हैं। खबरें हैं कि हरीश रावत मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कांग्रेस में विधायकों का एक बड़ा धड़ा मुख्यमंत्री हरीश रावत से नाराज चल रहा है। इसके पीछे वजह ये बताई जा रही है कि हरीश रावत ने करीब आधा दर्जन कांग्रेस विधायकों को उनका साथ देने पर मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री बनाने का वादा उनसे किया था। मंत्रिमंडल में मंत्रियों के दो ही पद खाली थे, और उन पर रावत ने नव प्रभात और राजेन्द्र भंडारी को मंत्री बना दिया। जिसके बाद से ऐसे करीब आधा दर्जन कांग्रेस विधायक रावत से नाराज हैं और ये नाराजगी कांग्रेस में रावत के खिलाफ एक और बगावत का बीज बोती दिख रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने भी दावा किया है कि का भी कहना है कि कांग्रेस विधायकों का एक बड़ा धड़ा रावत से नाराज चल रहा है। इन नाराज विधायकों के भाजपा के संपर्क में आने के सवाल पर हालांकि भट्ट ने साफ – साफ कुछ नहीं कहा लेकिन भट्ट ने इतना जरूर कहा कि लोग तो मिलते रहते हैं, संपर्क में आते रहते हैं। इशारों-इशारों में भट्ट का ये बयान इस आशंका को बल देता है कि कांग्रेस के नाराज विधायक हरीश रावत के खिलाफ बगावत कर भाजपा का दामन थाम सकते हैं। हालांकि कांग्रेस इस तरह की ख़बरों से इंकार कर रही है। हरीश रावत मंत्रिमंडल में हाल ही में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री नवप्रभात ने इन ख़बरों को निराधार बताते हुए कहा कि सभी लोग मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ हैं। नव प्रभात ने इसे ख्याली पुलाव बताते हुए कहा कि जरुरत के मुताबिक मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है। काबीना मंत्री नवप्रभात नें यह भी कहा कि घोर संकट के समय जो लोग पार्टी के साथ रहे अब तीन चार माह के लिये क्या दूसरी जगह जायेंगे।

बहरहाल कांग्रेस भले ही दावा कर रही हो कि पार्टी में सब कुछ ठीक है लेकिन संगठन और सरकार के बीच तकरार कई बार सार्वजनिक हो चुकी है, खुद पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय मीडिया के सामने इन बातों को कह चुके हैं। अगर कांग्रेस विधायकों की नाराजगी एक बार फिर से बगावत मे तब्दील हो गई तो विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए उत्तराखंड में ये एक बड़ा झटका होगा जो हरीश रावत के दोबारा मुख्यमंत्री बनने के सपने को चकनाचूर कर सकता है।

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे