जिस बेटे का 3 साल पहले पिता ने कर दिया था अंतिम संस्कार, लाॅकडाउन में पंहुचा घर
छतरपुर (उत्तराखंड पोस्ट) कोरोना वायरस का कहर देश में थमने का नाम नही ले रहा है। इस महामारी से दुनियाभर समेत भारत में भी कई लोग अपनी जान गंवा चुके है। ऐसे में लॉकडाउन के चलते अब दुसरे राज्यों में मजदूरी करने गए लोग अपने अपने घर वापस आ रहे हैं। इसी बीच मध्यप्रदेश के छतरपुर
छतरपुर (उत्तराखंड पोस्ट) कोरोना वायरस का कहर देश में थमने का नाम नही ले रहा है। इस महामारी से दुनियाभर समेत भारत में भी कई लोग अपनी जान गंवा चुके है। ऐसे में लॉकडाउन के चलते अब दुसरे राज्यों में मजदूरी करने गए लोग अपने अपने घर वापस आ रहे हैं।
इसी बीच मध्यप्रदेश के छतरपुर से एक अनोखा मामला समाने आया है। यहाँ तीन साल पहले जिस परिवार ने अपने बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया था अब वह बेटा अचानक अपने घर पहुंच गया, जिसे देख उसके मां-बाप भौचक्के रह गए।
दरअसल छतरपुर के बिजावर के डिलारी गांव के निवासी भगोला आदिवासी का बेटा 3 साल पहले अचानक गायब हो गया था। जिसके बाद मौनासईया जंगल में एक कंकाल मिला था। भगोला आदिवासी ने उस कंकाल की पहचान अपने बेटे के रूप में कर कंकाल का अंतिम संस्कार कर दिया गया था।
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अब कोरोना संकट के चलते कई राज्यों से मजदूर घर वापसी कर रहे ऐसे में अचानक डिलारी गांव में एक युवक उदय आदिवासी अपने घर पहुंच गया।
उन्होंने इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी। अब पुलिस भी हैरान है। उदय ने बताया कि वह तीन साल पहले अपने परिवार से नाराज होकर गुरुग्राम चला गया और वहां एक फैक्ट्री में काम करता रहा। लॉकडाउन हुआ तो वह घर वापस आया।
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