स्कूलों में ताले, वार्ता विफल होने के बाद शिक्षकों की हड़ताल जारी
सरकार से बातचीत पर कोई सहमति ना बनने के बाद शिक्षकों ने अपनी हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है। जिसके चलते बुधवार को भी स्कूलों में ताले लटके रहे। गौरतलब है कि चयन प्रोन्नत वेतनमान में तीन फीसदी बढ़ोतरी सहित एक दर्जन से अधिक मांगों को लेकर राजकीय शिक्षक संघ हड़ताल कर रहा है।
सरकार से बातचीत पर कोई सहमति ना बनने के बाद शिक्षकों ने अपनी हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है। जिसके चलते बुधवार को भी स्कूलों में ताले लटके रहे।
गौरतलब है कि चयन प्रोन्नत वेतनमान में तीन फीसदी बढ़ोतरी सहित एक दर्जन से अधिक मांगों को लेकर राजकीय शिक्षक संघ हड़ताल कर रहा है। शासन से वार्चा विफल होने के बाद अब संघ ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है।
इससे पहले सोमवार को शिक्षकों ने स्कूलों में तालाबंदी करने की घोषणा कर दी थी। शिक्षकों का आरोप है कि राज्य सरकार की ओर से कई बार आश्वासन दिए जाने के बावजूद भी सरकार ने शिक्षकों की मांगों पर शासनादेश जारी नहीं किया। शिक्षक संघ के प्रान्तीय अध्यक्ष राम सिंह की माने तो मुख्यमंत्री हरीश रावत से भी शिक्षकों की लम्बित मांगों को संबंध में कई दौर की वार्ता हो चुकी जिसमें उनके ओर से शासन को निर्देशित किए जाने के बावजूद भी शासनादेश जारी नहीं हुआ है। जिसके बाद शिक्षकों ने अब स्कूलों में तालाबंदी करने का फैसला लिया है।
शिक्षकों की इस हड़ताल से करीब 2250 माध्यमिक स्कूलों में पढ़ रहे लाखों छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
हड़ताल पर प्रदेश के शिक्षामंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी का कहना है कि हड़ताल कर रहे शिक्षकों की चयन प्रोन्नत वेतन मांग की मांग को पूरा करना सरकार के लिए फिलहाल संभव नहीं दिखता है। उन्होंने कहा कि अगर चयन प्रोन्नत की मांग मान ली जाती है तो इससे सरकार पर 1200 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
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