उत्तराखंड | कोरोना काल में भर्तियों और शाही खर्च पर लगी रोक, जानिए बड़े फैसले

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उत्तराखंड | कोरोना काल में भर्तियों और शाही खर्च पर लगी रोक, जानिए बड़े फैसले

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) कोरोना संकट काल में उत्तराखंड सरकार ने अब खर्च कम करने के लिए प्रदेश में नियमित नियुक्तियों पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही फाइव स्टार कल्चर और शाही खर्च पर भी बंदिश लगा दी गई है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने खर्च कम से कम करने का यह आदेश


उत्तराखंड | कोरोना काल में भर्तियों और शाही खर्च पर लगी रोक, जानिए बड़े फैसले

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) कोरोना संकट काल में उत्तराखंड सरकार ने अब खर्च कम करने के लिए प्रदेश में नियमित नियुक्तियों पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही फाइव स्टार कल्चर और शाही खर्च पर भी बंदिश लगा दी गई है।

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने खर्च कम से कम करने का यह आदेश सभी विभागों के लिए जारी कर दिया है।

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश के मुताबिक कोविड-19 की रोकथाम के लिए सरकार को अधिक खर्च करना पड़ रहा है। इस पर लॉकडाउन की वजह से आय तेजी से कम हुई है। प्रदेश की जीडीपी प्रभावित हुई है और राजस्व कम हुआ है।

  • सरकार ने फोर्थ क्लास सहित तकनीकी रिक्त पदों पर नियमित नियुक्तियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
  • अनुपयोगी पद होंगे समाप्त, अन्य विभागों में समायोजित किए जाएंगे कर्मचारी, वेतनमान का उच्चीकरण नहीं होगा
  • सेवा नियमों के विपरीत विभागों में संविदा, नियत वेतन, दैनिक वेतन पर नियुक्ति पूरी तरह से बंद। आउटसोर्स से काम कराने का आग्रह।
  • सलाहकार आदि को स्टाफ नहीं मिलेगा। विभाग सरप्लस स्टाफ दे सकता है या आउटसोर्सिंग होगी।
  • चिकित्सा और पुलिस को छोड़कर अन्य विभागों में नए पद सृजित करने पर रोक

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  • नए सरकारी भवनों से लेकर नए गेस्ट हाउस तक बनाने पर बंदिश लगाई गई है। इसके साथ ही विभागों से यह भी कहा गया है कि वे अनुपयोगी योजनाओं को चिह्नित कर उन्हें खत्म करें।
  • सरकारी और निगमों आदि के स्तर से नए गेस्ट हाउस नहीं बनाए जाएंगे। मुख्यालयों में नए कार्यालय, भवन नहीं बनेंगे।
  • फाइव स्टार होटलों में राजभोज पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही अफसरों से इकोनॉमी क्लास में ही सफर करने को कहा गया है।
  • यात्रा व्यय, विज्ञापन, प्रिंटिंग आदि पर खर्च कम से कम। अफसर इकोनॉमी क्लास से ही यात्रा करेंगे। यात्रा भी कम से कम।
  • विदेशों में ऐसे किसी सेमीनार, वर्कशॉप में जाने की अनुमति नहीं, जिससे राज्य सरकार को खर्च उठाना पड़े। विभाग राजस्व घाटा खत्म करने के लिए काम करेंगे।

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  • विभागों से यह भी कहा गया है कि वे सेमीनार आदि सरकारी भवनों में करें और होटलों से परहेज करें।
  • विकास योजनाओं की नियमित समीक्षा। अनुपयोगी योजनाओं को समाप्त किया जाएगा। योजनाओं में काम करने वाले कर्मियों को अतिरिक्त लाभ देने पर भी रोक। पहले से जारी टीए, डीए आदि ही मिलेगा।
  • कार्यालय व्यय को कम करने के लिए सरकारी कर्मियों को ई प्लेटफार्म का अधिक से अधिक उपयोग करने को कहा गया है।

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  • प्राथमिक शिक्षा में छात्र-शिक्षक अनुपात का सख्ती से पालन, सरप्लस शिक्षकों का समायोजन रिक्त पदों पर होगा। हर तीन माह में समीक्षा होगी।
  • नई योजनाओं के लिए जीरो बेस्ड बजट। मतलब यह कि योजना की लागत का आकलन नए सिरे से होगा और हर खर्च की परख होगी।
  • सुरक्षा को छोड़कर नए वाहनों को खरीदने पर रोक।
  • अनुबंध पर टैक्सी लेने के लिए वित्त की सहमति लेनी होगी। केवल पंजीकृत वाहनों का ही अनुबंध, निजी वाहनों के अनुबंध पर रोक।
  • नए साल पर या अन्य मौकों पर कलेंडर, डायरी, पर्सनल लेटर आदि पर रोक, प्राधिकरण और अन्य संस्थाओं पर भी यह नियम लागू।

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