बिहार क्रिकेट की तर्ज पर उत्तराखण्ड क्रिकेट को मान्यता दे BCCI: नौटियाल

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बिहार क्रिकेट की तर्ज पर उत्तराखण्ड क्रिकेट को मान्यता दे BCCI: नौटियाल

देहरादून [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन (यूसीए) के सचिव दिव्य नौटियाल ने बीसीसीआई से अपील की है कि बिहार की तर्ज पर उत्तराखण्ड क्रिकेट को भी मान्यता दी जाए। गौरतलब है कि बिहार राज्य क्रिकेट की मान्यता कोर्ट में लम्बित है। प्रदेश के खिलाड़ियों के हितों के मद्देनजर बीसीसीआई ने बिहार राज्य क्रिकेट को


देहरादून [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन (यूसीए) के सचिव दिव्य नौटियाल ने बीसीसीआई से अपील की है कि बिहार की तर्ज पर उत्तराखण्ड क्रिकेट को भी मान्यता दी जाए।

गौरतलब है कि बिहार राज्य क्रिकेट की मान्यता कोर्ट में लम्बित है। प्रदेश के खिलाड़ियों के हितों के मद्देनजर बीसीसीआई ने बिहार राज्य क्रिकेट को मान्यता प्रदान की है। पिछले सत्रह वर्षों से उत्तराखण्ड क्रिकेट की मान्यता का मामला लंबित है।

दिव्य नौटियाल ने बताया कि, वर्तमान में उत्तराखण्ड क्रिकेट का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। ऐसे में प्रदेश के खेल मंत्री द्वारा गत 28 दिसम्बर को मान्यता के संबंध में बुलायी गयी बैठक में हमारी एसोसिएशन ने हिस्सा नहीं लिया। जिसकी सूचना खेल निदेशालय को लिखित तौर पर बैठक से पूर्व देते हुए हमने अपनी स्थिति स्पष्ट की थी।

दिव्य नौटियाल ने बताया कि प्रदेश के खेल विभाग द्वारा हमारी एसोसिएशन से खेल गतिविधियों एवं उपलब्ध्यिों के बारे में जो सूचना मांगी गयी है। उसके संबध्ंा में यह कहना है कि खेल निदेशक के पत्र (पत्रांक 4858 क्रिकेट स0प0/2010-11 दिनांक 10 मार्च 2011) के क्रम में हमारी एसोसिएश ने अपनी गतिविधियों एवं उपलब्धियों की रिपोर्ट खेल निदेशालय को 1 अप्रैल 2011 से पूर्व ही प्रेषित कर दी गयी थी।

नौटियाल ने बताया कि एसोसिएशन की गतिविधियों एवं उपलब्धियों की जानकारी समय-समय पर बीसीसीआई को उपलब्ध करवायी जाती रही है। वर्ष 2015 में बीसीसीआई की देहरादून आयी कमेटी जिसमें अंशुमान गायकवाड़ एवं प्रकाश दीक्षित शामिल थे, उन्हें हमने अपनी एसोसिएशन की उपलब्धियों की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी थी। उन्होंने आगे कहाकि, हमारी एसोसिएशन कम्पनी एक्ट के तहत भारत सरकार से पंजीकृत है, उससे संबंधित जानकारी भारत सरकार के पास उपलब्ध है।

दिव्य नौटियाल ने बताया कि खेल मंत्री ने 5 जनवरी 2018 को पुनः मान्यता के संबंध में एक मीटिंग बुलाई है। जो सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला है। हमारी एसोसिएशन गत 5 जनवरी को आहूत बैठक में हिस्सा नहीं लेगी। इस संबंध में हमने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए एक पत्र खेल निदेशालय को प्राप्त करा दिया है।

नौटियाल ने कहा कि, हमारी  एसोसिएशन पिछले 12 वर्षों से उत्तराखण्ड क्रिकेट की मान्यता के लिये प्रयासरत है। ऐसे में बिहार की तर्ज पर बीसीसीआई को उत्तराखण्ड क्रिकेट एवं खिलाड़ियों के भविष्य के मद्देनजर हमारी एसोसिएशन (उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन) को मान्यता प्रदान करनी चाहिए।

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