सौंग बांध और जमरानी बांध परियोजना के लिए उत्तराखंड को केंद्र से मिलेगी वित्तीय मदद

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सौंग बांध और जमरानी बांध परियोजना के लिए उत्तराखंड को केंद्र से मिलेगी वित्तीय मदद

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) केंद्र सरकार उत्तराखंड को सौंग बांध और जमरानी बहुउद्देशीय बांध परियोजना के लिए वित्तीय मदद मिल सकती है। 3874 करोड़ रुपये की लागत वाली दोनों परियोजनाओं के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से धनराशि की मांग की है। केंद्रीय मंत्री ने वित्तीय मदद के लिए


सौंग बांध और जमरानी बांध परियोजना के लिए उत्तराखंड को केंद्र से मिलेगी वित्तीय मदद

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) केंद्र सरकार उत्तराखंड को सौंग बांध और जमरानी बहुउद्देशीय बांध परियोजना के लिए वित्तीय मदद मिल सकती है। 3874 करोड़ रुपये की लागत वाली दोनों परियोजनाओं के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से धनराशि की मांग की है। केंद्रीय मंत्री ने वित्तीय मदद के लिए उत्तराखंड सरकार को आश्वस्त किया है।

इसके साथ ही राज्य बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के तहत संचालित 38 बाढ़ सुरक्षा योजनाओं के लिए 1108.37 करोड़ रुपये तथा प्रस्तावित जलाशयों एवं झील निर्माण योजनाओं के लिये 589.25 करोड़ धनराशि स्वीकृत करने का अनुरोध भी मुख्यमंत्री ने किया है।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनके सरकारी आवास में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भेंट करने पहुंचे। केंद्रीय मंत्री ने राज्य की लंबित योजनाओं पर समुचित कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने अवगत कराया कि देहरादून में सौंग नदी पर 109 मीटर ऊंचा कंक्रीट ग्रेविटी बांध बनाया जाना प्रस्तावित है। इससे देहरादून की वर्ष 2051 तक की पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

योजना की लागत 1290 करोड़ है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बताया कि गोला नदी पर 130.60 मीटर ऊंचा कंक्रीट ग्रेविटी बांध बनाया जाना भी प्रस्तावित है। इसमें नैनीताल व हल्द्वानी की पेयजल समस्या का समाधान होने के साथ ही उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में सिंचाई क्षमता की वृद्धि होगी।

इसके साथ ही इस योजना से 14 मेगावाट विद्युत उत्पादन भी होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर खेत को पानी योजना के अंतर्गत पर्वतीय राज्यों में मानकों का शिथिलीकरण प्रदान किया जाए।

पर्वतीय क्षेत्रों में नहर निर्माण की लागत अधिक होने के कारण वर्तमान प्रचलित गाइड लाइन 2.50 लाख प्रति हेक्टेयर की सीमा को बढ़ाकर 3.50 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर किया जाए।

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