उत्तराखंड | कॉल सेंटरों से विदेशों में ऐसे करते थे ठगी, पांच लोग गिरफ्तार

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उत्तराखंड | कॉल सेंटरों से विदेशों में ऐसे करते थे ठगी, पांच लोग गिरफ्तार

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) दून पुलिस ने अमेरिकी गुप्तचर एजेंसी (एफबीआइ) और कनाडा पुलिस के इनपुट पर विदेशी लोगों से ठगी करने वाले तीन कॉल सेंटरों का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, ये कॉल सेंटर लोगों को उनके कंप्यूटर में तकनीकी खराबी ठीक करने


 देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) दून पुलिस ने अमेरिकी गुप्तचर एजेंसी (एफबीआइ) और कनाडा पुलिस के इनपुट पर विदेशी लोगों से ठगी करने वाले तीन कॉल सेंटरों का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस के मुताबिक, ये कॉल सेंटर लोगों को उनके कंप्यूटर में तकनीकी खराबी ठीक करने का झांसा देकर चूना लगाते थे। बताया जा रहा है कि अभी तक ठगी से ये करोड़ों रुपये कमा चुके हैं। आरोपितों में एक झारखंड, जबकि अन्य दून के रहने वाले हैं। सभी उच्च शिक्षित और साइबर एक्सपर्ट हैं। सभी आरोपित साइबर के एक्सपर्ट होने के साथ ही अंग्रेजी बोलने में माहिर हैं। सभी विदेशियों से उनकी लेंग्वेज में बात करते थे।

एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि कुछ सप्ताह पहले कनाडा पुलिस की ओर से उन्हें जानकारी दी गई थी कि देहरादून में कुछ कॉल सेंटर चल रहे हैं, जो कनाडा, यूके, ऑस्टे्रलिया, यूएसए आदि देशों में फोन कर लोगों को ठग रहे हैं। वह खुद को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का तकनीकी सहायक बताते हैं। इसके बाद वह उनके कंप्यूटर सिस्टम में तकनीकी खराबी आने और उन्हें दूर करने की एवज में उनसे धोखाधड़ी करते हैं।

इसी दौरान माइक्रोसॉफ्ट के कर्मचारी भूपेंद्र सिंह पुत्र बलबीर सिंह बिंदा निवासी जीवन पार्क, उत्तम नगर, दिल्ली ने विगत 29 जनवरी को थाना क्लेमेनटाउन में तहरीर दी। इस आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कॉल सेंटरों के बारे में जानकारी जुटाई।रात क्लेमेनटाउन में बिजनेस सेंटर स्थित पेंटल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड और जैक लैब टेक्नोलॉजीज में छापा मारकर तीन लोगों को, जबकि पटेलनगर क्षेत्र के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित संघू सेंटर में ऐडज कम्युनिकेशन पर छापा मारकर दो लोगों को गिरफ्तार किया गया।तीनों कॉल सेंटरों से 27 हार्ड डिस्क, चार कंप्यूटर सर्वर, तीन लैपटॉप, तीन मोबाइल व एक पेन ड्राइव बरामद की गई।

पुलिस के मुताबिक आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि वह विदेशों में लोगों के डाटा कलेक्ट करते थे। फिर वह उनके सिस्टम पर एक संदेश (पॉप अप) भेजते थे। जिसमें कंप्यूटर में वायरस, तकनीकी दिक्कत आने आदि की वार्निंग होती थी। संदेश के साथ वह माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के नाम पर एक टोल फ्री नंबर 18007459386 देकर खुद को तकनीकी सहायक बताकर इस पर कॉल करने के लिए कहते थे।जब इस नंबर पर कॉल आता था तो वह संबंधित को उसके कंप्यूटर में गंभीर तकनीकी खराबी का भय दिखाते थे और ठीक करने की एवज में पैसों की डिमांड करते थे।

पैसा मिलने पर वह कहते थे कि दिक्कत दूर कर दी गई है। एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि जब उनकी डायरी और रजिस्टर्ड चेक किए गए तो पाया गया कि वह कनाडा, यूके, आस्ट्रेलिया, यूएसए आदि देशों से लोगों से हजार से लेकर ढाई हजार डॉलर तक ठग चुके हैं। बताया कि अभी तक आरोपित इस प्रकार से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं। कॉल सेटरों के बारे में अभी तक पुलिस खास जानकारी नहीं जुटा पाई है। आरोपितों से पूछताछ अभी जारी है। लिहाजा पुलिस गुरुवार को आरोपितों के कस्टडी रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल करेगी।

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