विकास की अवधारणा तभी साकार हो सकती है जब गांव इससे जुड़ें: CM

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विकास की अवधारणा तभी साकार हो सकती है जब गांव इससे जुड़ें: CM

विकास की अवधारणा तभी साकार हो सकती है जब गांव-गांव इससे जुड़ें, इसके लिए जरूरी है कि विकास का रास्ता गांव से शुरु हो। गुरूवार को बाखली चैखुटिया में आयोजित विशाल जनसभा एवं बहुददेशीय शिविर में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ये बात कही। रावत ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण आबादी करीब 70 प्रतिशत है।


विकास की अवधारणा तभी साकार हो सकती है जब गांव-गांव इससे जुड़ें, इसके लिए जरूरी है कि विकास का रास्ता गांव से शुरु हो। गुरूवार को बाखली चैखुटिया में आयोजित विशाल जनसभा एवं बहुददेशीय शिविर में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ये बात कही। रावत ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण आबादी करीब 70 प्रतिशत है। ऐसे में विकास योजनाओं का क्रियान्वयन इस तरह होना चाहिए कि विकास का मूल आधार गांव हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विकास के बातों पर ध्यान देना होगा। पहला पारम्परिक खेती को बढ़ावा देना, दूसरा मंत्र शिक्षा में गुणवत्ता लाना तथा तीसरा पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ और शिल्प और हस्तशिल्प केा बढ़ावा देना। शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के लिए एक नया अभियान चलाने की आवश्यकता है ताकि हमारी बुनियादी शिक्षा मजबूत बन सके।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों, वीर सपूतों, कालाकारों एवं साहित्यकारों की गेवाड़ पटटी की इस भूमि ने देश व राज्य का सम्मान बढ़ाया है। उन्होंने स्थानीय शिक्षण संस्थाओं का नाम वीर सपूतों के नाम पर रखने की घोषणा के साथ ही विकास कार्यों को गति प्रदान करने के लिए 20.31 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उदाड़ी-आगरमनराल व बचभीड़ा-ग्वाली तक मोटर रोड की स्वीकृति प्रदान की साथ ही स्थानीय विधायक व जनता द्वारा सौंपे गये 20 सूत्रीय माॅग पत्र में सभी 20 मांगों को स्वीकृति प्रदान की। जिसमें मासी में बस डिपो, चैखुटिया में तहसील तक मोटर मार्ग, अगनेरी मन्दिर के सौन्दर्यकरण पाण्डुखाल में केन्द्रीय विद्यालय, चैखुटिया में मण्डी, महाकालेश्वर में चिकित्सालय, मनसा मन्दिर तक जाने के लिए रोपवे, चैखुटिया में खाद्यान्न भण्डार सहित अन्य मांगें प्रमुख है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए जो भी मांग उचित होगी उसे चरणबद्ध तरीके से स्वीकृत कर दिया जायेगा।

रावत ने इस अवसर पर डॉ लक्ष्मण सिंह मनराल द्वारा लिखित गुरू दक्षिणा पुस्तक का विमोचन किया और कहा कि उनके द्वारा इतिहास को जोड़ने का जो प्रयास किया जा रहा है उससे न केवल हमारा सांस्कृतिक पक्ष मजबूत होगा अपितु पर्यटन को भी इससे बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन को आजीविका का मुख्य आधार बनाना होगा। इस बहुउदेशीय शिविर में 120 शिकायतें प्राप्त हुई जिनमें से अधिकांश शिकायतों का निस्तारण तुरन्त कर दिया गया।

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