मुख्यमंत्री ने किया आपदा प्रबन्धन केन्द्र का निरीक्षण, सतर्कता बरतने के दिए निर्देश
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को आराकोट, त्यूणी व मौरी के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेने के बाद सचिवालय स्थित आपदा प्रबन्धन केन्द्र का भी निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा के सम्बन्ध मे सभी जनपदों से प्रभावी समन्वय बनाये रखा जाय। उन्होंने
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को आराकोट, त्यूणी व मौरी के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेने के बाद सचिवालय स्थित आपदा प्रबन्धन केन्द्र का भी निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा के सम्बन्ध मे सभी जनपदों से प्रभावी समन्वय बनाये रखा जाय। उन्होंने आपदा परिचालन केन्द्र से सूचनाओं के एकत्रीकरण की व्यवस्थाओं की भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सभी से सतर्कता बरतने की भी अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने आपदा प्रबन्धन केन्द्र में ही सचिव आपदा प्रबन्धन अमित नेगी, प्रभारी सचिव एस ए मुरूगेशन, आईजी संजय गुंज्याल, डीआईजी राजीव रोतेला, डीआजी एसटीएफ रिद्धिम अग्रवाल, कमाडेण्ड एसडीआरएफ सुश्री तृप्ति भट्ट के साथ आपदा की स्थिति पर व्यापक चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने हाल ही आयी आपदा में त्वरित कार्यवाही किये जाने की स्थिति पर सन्तोष व्यक्त करते हुए अधिकारियों से हर समय सतर्क रहने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा ग्रस्त गांवों से जिस प्रकार लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है। उसी व्यवस्था के तहत गांवों से सेब को सड़क तक लाने की व्यवस्था बनायी जाय, ताकि क्षेत्र में सेब की फसल खराब न हो तथा काश्तकारों को नुकसान न हो।
उन्होंने कहा कि इसके लिये यदि अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता होगी तो उसकी अलग से व्यवस्था की जायेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि जिन गांवों में संचार व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। वहां पर सेटलाइट फोन की व्यवस्था की जाय।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने अधिकारियों से आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में फसलों को हुए नुकसान का भी आकलन किये जाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा राहत के लिये धन की कमी न होने दी जायेगी। उन्होंने आपदा में मृत लोगों के परिजनों को 4 लाख की धनराशि के साथ ही घायलों के उपचार की निशुल्क व्यवस्था किये जाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा पीडितों की मदद करना हम सबका दायित्व है।
आपदा ग्रस्त क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने टिकोची, किराणु, दुचाणु के कि.मी 01 में 84 मी. सेतु का निर्माण, मुलाणा में 70 मी. झूला पुल का निर्माण, टिकोची में 90 मी. सेतु का निर्माण, चिवां बालचा में 42 मी. सेतु का निर्माण, आराकोट, चिवां, बालचा, बरनाली, माकुडी, बरनाडी झोटाड़ी गोकुल मोटर मार्गों के पुनर्निमाण की घोषणा की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आराकोट में पुलिस चैकी के निर्माण, ग्राम पंचायत चिवां में प्राथमिक विद्यालय, जुनियर हाईस्कूल, माध्यमिक विद्यालय का पुनर्निमाण, राजकीय इण्टर काॅलेज टिंकोची का पुनर्निमाण, राजकीय एलौपैथिक चिकित्सालय टिकोची का पुनर्निमाण, आराकोट हेलीपैड का विस्तार किये जाने की घोषणा के साथ ही जिन गाँवों में संचार सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां सैटेलाइट फोन की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सचिवालय स्थित मीडिया सेन्टर में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए कहा कि हाल में आयी आपदा से प्रदेश को प्रारम्भिक आंकलन में 130 करोड़ का नुकसान होने का का अनुमान है। उन्होंने कहा कि आपदा मद में प्रदेश के पास धनराशि उपलब्ध है। जनपदों को भी पर्याप्त धनराशि प्रदान की गयी है। आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में पर्याप्त खाद्यान की आपूर्ति के साथ ही सड़क मार्गों की मरम्मत, विद्युत आपूर्ति, स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। 10 हेलीपैड इस क्षेत्रों में स्थापित किये गये हैं। सेना के साथ ही चार हेलीकॉप्टरों की व्यवस्था आपदा राहत कार्यों हेतु की गयी है। 300 कार्मिकों की इस के लिए तैनाती की गयी है। सम्पर्क मार्गों के मरम्मत का भी कार्य तेजी से किया जा रहा है।
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