उत्तराखंड राज्य सूखाग्रस्त घोषित, CM रावत ने केंद्र से मांगी मदद

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उत्तराखंड राज्य सूखाग्रस्त घोषित, CM रावत ने केंद्र से मांगी मदद

मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही हरीश रावत फिर से फुल फार्म में दिखाई दे रहे हैं। शनिवार को हरीश रावत कैबिनेट ने कई अहम फैसले लिए। रावत सरकार ने उत्तराखंड को सूखा ग्रस्त घोषित करते हुए केन्द्र सरकार से यूपी व महाराष्ट्र के समान उत्तराखंड को सहायता मुहैया कराए जाने का अनुरोध किया है। गौरतलब


मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही हरीश रावत फिर से फुल फार्म में दिखाई दे रहे हैं। शनिवार को हरीश रावत कैबिनेट ने कई अहम फैसले लिए। रावत सरकार ने उत्तराखंड को सूखा ग्रस्त घोषित करते हुए केन्द्र सरकार से यूपी व महाराष्ट्र के समान उत्तराखंड को सहायता मुहैया कराए जाने का अनुरोध किया है। गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने राज्य के पांच जिलों को सूखा ग्रस्त घोषित किया था। केबैनिट की बैठक में इसके साथ ही 16 बिंदुओँ पर मुहर लगी। जिसमें राज्य में प्रचलित भाषा और बोलियों के संवर्धन और संरक्षण के लिए उत्तराखंड बोली भाषा संस्थान बनाने का फैसला भी लिया गया है। इसके साथ ही खनिज भंडारण से जुड़े नियमों में भी बदलाव किया गया है।

    हरीश रावत कैबिनेट के फैसले

  • राज्य को सूखा पीड़ित घोषित करने व केंद्र सरकार से उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र के समान ही सहायता मुहैया कराए जाने का अनुरोध किए जाने का निर्णय।
  • चमोली जनपद के देवाल को नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने का निर्णय।
  • राज्य में प्रचलित बोली, भाषाओं के संरक्षण, उन्नयन हेतु गौचर में उत्तराखंड बोली भाषा संस्थान स्थापित किए जाने का निर्णय।
  • प्रदेश में जलसंरक्षण को बढ़ावा देने के लिए पेयजल विभाग द्वारा योजना बनाई जाएगी। इसमें प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में किसी व्यक्ति, संस्था, ग्राम सभा, वन पंचायत आदि द्वारा तालाब विकसित किए जाने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके तहत तालाब के आकार व उसकी लागत के अनुरूप वन टाईम राशि (न्यूनतम 5 हजार रूपए से 1 लाख रूपए तक) दी जाएगी। जबकि तालाब की देखरेख करने पर प्रतिवर्ष बोनस की राशि भी दी जाएगी। बोनस की राशि इसमें संग्रहित जल की मात्रा के अनुसार पेयजल विभाग की दरों से तय की जाएगी।
  • तहसीलों में संविदा पर कार्यरत 150 कम्प्यूटर आपरेटरों का वेतन बढ़ाकर उपनल की दरों के  अनुसार किया जाएगा।
  • टिहरी जिले के प्रतापनगर में फिक्वाल समुदाय(अनुसूचित जाति/जनजाति को छोडकर) को ओबीसी में शामिल किया जाएगा।
  • स्टोन क्रशर, खनिज भण्डारण शुल्क आदि की प्रक्रियाओं को विकेंद्रीत करते हुए इनकी अनुमति जिलाधिकारी स्तर से प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। स्टोन क्रशर आदि के लाईसेंस का नवीनीकरण अब हर 5 साल में कराना होगा। बोल्डर, रेता आदि की रायल्टी की दर मेटेरियल की गुणवत्ता के आधार पर तय की जाएगी।
  • उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक कल्याण विभाग राजपत्रित अधिकारी सेवा नियमावली 2016 का प्राख्यापन
  • उत्तराखण्ड होमगार्ड समूह ‘क‘ एवं ‘ख‘ सेवा नियमावली 2016 का प्राख्यापन
  • उत्तराखण्ड नागरिक सुरक्षा समूह ‘क‘ एवं ‘ख‘ सेवा नियमावली 2016 का प्राख्यापन
  • उत्तराखण्ड सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं सदस्यों की सेवा शर्तो को विनियमित किये जाने हेतु नियमावली का प्राख्यापन
  • कर्मचारी राज्य बीमा योजना, श्रम चिकित्सा के विभागीय संरचना का पुर्नगठन

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