‘ट्रेकिंग पैराडाईज’ के रूप में होगी उत्तराखंड की पहचान: मुख्यमंत्री

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‘ट्रेकिंग पैराडाईज’ के रूप में होगी उत्तराखंड की पहचान: मुख्यमंत्री

रविवार को अष्टमी के पावन अवसर पर श्री केदारनाथ धाम में प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर द्वारा केदारबाबा की स्तुति में संगीतमय प्रस्तुति की गई। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी भोले बाबा के भजनों में प्रतिभाग किया। उन्होंने केदारनाथ पर आधारित टैलिफिल्म का विमोचन भी किया। इससे पूर्व ‘‘हिटो केदार ट्रेकिंग अभियान’’ का समापन करते हुए


रविवार को अष्टमी के पावन अवसर पर श्री केदारनाथ धाम में प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर द्वारा केदारबाबा की स्तुति में संगीतमय प्रस्तुति की गई।

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी भोले बाबा के भजनों में प्रतिभाग किया। उन्होंने केदारनाथ पर आधारित टैलिफिल्म का विमोचन भी किया। इससे पूर्व ‘‘हिटो केदार ट्रेकिंग अभियान’’ का समापन करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अगला वर्ष ‘ट्रेकिंग ईयर’ के तौर पर मनाया जाएगा। उत्तराखण्ड की पहचान पूरे विश्व में जल्द ही ‘ट्रेकिंग पैराडाईज’ के रूप में होगी। इसके लिए हर सम्भव कोशिश की जा रही है। पर्यटन विभाग को प्रदेश में 80 ट्रेकिंग रूट विकसित करने को कहा गया है।
राज्य में एडवेंचर टूरिज्म की प्रबल सम्भावनाएं हैं। हिमालयी सौंदर्य का बड़ा भाग अब भी अनछूआ है। पर्यटन को स्थानीय युवाओं के रोजगार से जोड़ा जाना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि वर्ष 2013 की आपदा के बाद श्री केदारनाथ सहित चारधाम में व्यवस्थाएं पहले से भी बेहतर कर दी गई हैं। इस वर्ष रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु आए हैं। 14 लाख से अधिक श्रद्धालु चार धाम व हेमकुण्ट साहिब आ चुके हैं। अगले वर्ष इस संख्या को दुगुना तक करने का लक्ष्य रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री रावत ने ‘हिटो केदार ट्रेकिंग अभियान’ में प्रतिभाग करने वाले ट्रेकर्स व अधिकारियों को सम्मानित किया। उन्होंने गढ़वाल मंडलायुक्त विनोद शर्मा को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री दिनेश धनै, चिदानंद महाराज सहित अन्य अधिकारी, मंदिर समिति के पदाधिकारी, धार्मिक हस्तियां आदि उपस्थित थे।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री रावत के निर्देश पर उत्तराखण्ड माउंटेनियर्स एंड ट्रेकर्स एसोसिएशन, उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद, गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा संयुक्त रूप से ‘हिटो केदार ट्रेकिंग अभियान’ 2 अक्टूबर को प्रारम्भ किया गया था। अभियान के संयोजक मनोज रावत ने बताया कि केदारनाथ जाने वाले 9 ट्रेकों पर स्थानीय युवाओं की मदद से ट्रेकिंग का आयोजन किया गया था। इसमें रांसी, गौंडार, चौमासी, त्रिजुगीनारायण, सेरशी, गौरीकुंड के युवा, गाइड व पोर्टर, रांसी, चौमासी, त्रिजुगीनारायण के गांववासी भी शामिल हुए।

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