रंगों के त्यौहार ”होली से पहले हुआ ‘होलिका दहन’, जानिए क्या है मान्यता ?
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) रंगों के त्योहार होली को लेकर देशभर में उत्सव का माहौल है। रंगों से सराबोर कर देने वाले इस पर्व से पहले बुधवार को होलिका दहन किया गया। मान्यता है कि हिरण्यकश्यप ने जब भगवान विष्णु की भक्ति में लीन अपने ही बेटे प्रह्लाद को जिंदा जला देने के लिए अपनी बहन
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) रंगों के त्योहार होली को लेकर देशभर में उत्सव का माहौल है। रंगों से सराबोर कर देने वाले इस पर्व से पहले बुधवार को होलिका दहन किया गया।
मान्यता है कि हिरण्यकश्यप ने जब भगवान विष्णु की भक्ति में लीन अपने ही बेटे प्रह्लाद को जिंदा जला देने के लिए अपनी बहन होलिका की मदद ली तो भक्त को बचाने के लिए भगवान खुद अवतरित हो गए। भक्त पर भगवान की कृपा हुई और प्रह्लाद के लिए बनाई गई चिता में स्वयं होलिका जल मरी।
इसी के उपलक्ष्य में हर साल रंगों के त्योहार होली से पहले होलिका जलाई जाती है। इस दौरान लोग जौ की बाल और शरीर पर लगाए गए सरसों के उबटन को अग्नि में डालते हैं। ऐसी मान्यता है कि इससे घर पर पड़ने वाला नकारात्मक असर समाप्त हो जाता है और घर में खुशहाली आती है।
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