उत्तराखंड | जमीन पर पत्नियों को भी मालिकाना हक देने की तैयारी में त्रिवेंद्र सरकार
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड में जल्द ही पंरपरागत रूप से चली आ रही जमीन का मालिकाना हक पत्नियों का भी होगा। प्रदेश सरकार जमींदारी भूमि विनाश अधिनियम (जेडएलआर) में संशोधन की तैयारी कर रही है। सोमवार को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौड़ी में एक कार्यक्रम में महिलाओं के अधिकार की इस योजना को
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड में जल्द ही पंरपरागत रूप से चली आ रही जमीन का मालिकाना हक पत्नियों का भी होगा। प्रदेश सरकार जमींदारी भूमि विनाश अधिनियम (जेडएलआर) में संशोधन की तैयारी कर रही है।
सोमवार को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौड़ी में एक कार्यक्रम में महिलाओं के अधिकार की इस योजना को जल्द लागू करने का एलान किया।
आपको बता दें कि प्रदेश मेें वंशानुगत रूप से जमीन का अधिकार पुरुष के पास रहता है और उसके बाद बेटे के पास जाता है। इस तरह की जमीन को गोल खाता कहा जाता है। इसमें एक संशोधन कुछ समय पहले हुआ, जिसके तहत विधवा को अधिकार दिया गया।
अब पुत्री को भी जमीन का यह अधिकार देने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही सरकार पत्नियों को भी गोल खातों का अधिकार देने की कोशिश में है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भूमि पर पति के साथ ही पत्नियों का भी अधिकार हो इस पर सरकार जल्द फैसला करेगी। पहाड़ में महिलाओं को लोन लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। यह व्यवस्था हो जाने के बाद उन्हें परेशानी नहीं होगी।
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