चारधाम यात्रा | 15 दिन में 10 लाख ने किए दर्शन, 200 करोड़ से ज्यादा का कारोबार

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चारधाम यात्रा | 15 दिन में 10 लाख ने किए दर्शन, 200 करोड़ से ज्यादा का कारोबार

Chardham Yatra

चारधाम यात्रा में उमड़े श्रद्धालुओं के सैलाब ने कारोबार को पंख लगा दिए हैं। खासकर होटल, ढाबे, ट्रैवल से जुड़े कारोबारियों ने 15 दिन में अच्छा बिजनेस किया है। अनुमान के मुताबिक, अब तक 200 करोड़ से अधिक का कारोबार हो चुका है।


 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में इस साल श्रद्धालुओं की संख्या ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अब तक 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारों धाम के दर्शन कर चुके हैं।

अगर आप चारधाम यात्रा के लिए आ रहे हैं तो ध्यान दें, सबसे पहले तो आप बिना पंजीकरण के चारधाम यात्रा पर न आएं। पंजीकरण के बिना आप चारधाम यात्रा नहीं कर पाएंगे।

200 करोड़ का कारोबार

चारधाम यात्रा में उमड़े श्रद्धालुओं के सैलाब ने कारोबार को पंख लगा दिए हैं। खासकर होटल, ढाबे, ट्रैवल से जुड़े कारोबारियों ने 15 दिन में अच्छा बिजनेस किया है। अनुमान के मुताबिक, अब तक 200 करोड़ से अधिक का कारोबार हो चुका है।

महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने बताया, चारधाम यात्रा के लिए इस बार रिकॉर्ड तीर्थयात्री पहुंचे हैं। इससे धामों में दबाव तो बढ़ गया, लेकिन कारोबारियों को अच्छा फायदा हुआ है। 15 दिन के भीतर चारोंधामों में होटल, ढाबे, ट्रैवल से लेकर विभिन्न व्यावसायियों ने 200 करोड़ से ज्यादा का कारोबार किया है। अकेले गढ़वाल मंडल विकास निगम ने 22 करोड़ कमाए, जबकि टैक्स और अन्य प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप में कमाई इससे कई गुना ज्यादा है।

अनुमान के अनुसार, होटल, ढाबों और होम स्टे से करीब 80 करोड़, दुकानदार 20 करोड़, घोड़ा, खच्चर, डंडी कंडी और गाइड आदि से 30 करोड़, ट्रैवल से 40 करोड़, अन्य से 30 करोड़ की कमाई हो चुकी है। राज्य में पार्किंग, एंट्री समेत विभिन्न टैक्स और मंदिर समिति से लेकर तीर्थ पुरोहितों की भी अच्छी कमाई हुई है।

चारधाम होटल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अजय पुरी के अनुसार, गंगोत्री घाटी में लगभग 400 और यमुनोत्री घाटी में 300 होटल, होम स्टे और धर्मशाला हैं। बदरीनाथ होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता ने बताया, श्रीनगर से बदरीनाथ और रुद्रप्रयाग से केदारनाथ तक 850 होटल, होम स्टे और धर्मशालाएं हैं। पिछले साल सीजन 22 अप्रैल को खुलने से शुरुआत में कम तीर्थयात्री आएं हैं।

मुख्यमंत्री कर रहे हैं मॉनिटरिंग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चारधाम यात्रा की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि सबसे अधिक ध्यान सुरक्षित यात्रा पर दिया जाए। यात्रियों को यदि किन्हीं स्थानों पर ठहराया जा रहा है, तो वहां पर उन्हें सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाय।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर श्रद्धालुओं की हर सुविधा को ध्यान में रखते हुए कार्य किये जा रहे हैं। चारधाम यात्रा के लिए एक सप्ताह से रूके लोगों को यात्रा पर भेजा जा रहा है। अभी चारों धामों में यात्रा सुचारू रूप से चल रही है।

ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर 31 मई तक रोक-

चारधाम यात्रा के दौरान व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर 31 मई तक चारधाम यात्रा के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई गई है।

कहां-कहां हो रही है चैकिंग-

चारधाम यात्रा के दौरान पंजीकृत श्रद्धालुओं को यमुनोत्री धाम के लिए बड़कोट में चेक किया जा रहा है तो गंगोत्री धाम के लिए हीना में चेकिंग की जा रही है। वहीं केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों को सोनप्रयाग में चेक किया जा रहा है तो बदरीनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को पाण्डुकेश्वर में चेक किया जा रहा है।

दर्शन के लिए टोकन सिस्टम

चारधाम यात्रा के दौरान दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को टोकन जारी किए जा रहे हैं। यमुनोत्री धाम के लिए जानकीचट्टी में गोगोत्री धाम के लिए गंगोत्री मंदिर में तो केदारनाथ धाम के लिए स्वर्गारोहिणी तो बदरीनाथ धाम के लिए आईएसबीटी, बीआरओ औऱ माणा पंजीकृत श्रद्धालुओं को टोकन जारी किए जा रहे हैं। मंदिरों के परिसर में पंक्ति में लगे श्रद्धालुओं के टोकन पर मोहर लगाकर उनके लिए धामों के दर्शनों की व्यवस्था की गई है।

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