चारधाम यात्रा में आस्था का सैलाब, शुरुआती 10 दिनों में टूट गए सारे रिकॉर्ड
यात्रा के शुरुआती 10 दिनों में दर्शन करने वाले श्रद्वालुओं की तुलना की जाए तो पिछले साल की तुलना में इस बार 4.50 लाख से ज्यादा श्रद्वालु अधिक संख्या में आए हैं।
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में दर्शन के लिए इस साल रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। 10 मई को चारधाम यात्रा की शुरुआत से अब तक करीब 9 लाख श्रद्धालु दर्शन लाभ ले चुके हैं।
यात्रा के शुरुआती 10 दिनों में दर्शन करने वाले श्रद्वालुओं की तुलना की जाए तो पिछले साल की तुलना में इस बार 4.50 लाख से ज्यादा श्रद्वालु अधिक संख्या में आए हैं।
पिछले वर्ष 22 अप्रैल 2023 को चारधाम शुरू हुई थी। चारधाम में 10 दिन के भीतर कुल 3.63 लाख तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए थे। इस बार यह आंकड़ा करीब 9 लाख पार कर गया है। इस साल श्रद्धालुओं में यात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह है। चारों धामों में भीड़ को देखते हुए प्रदेश सरकार ने ऑफलाइन पंजीकरण पर रोक लगाई है जबकि मई और जून माह में यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण उपलब्ध नहीं हो रहे हैं।
आपको बता दें कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक 30 लाख के करीब श्रद्धालु यात्रा के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। चारधाम यात्रा की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 31 मई तक ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन स्थगित रखे जाएं। चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुरक्षा और सुविधा की दृष्टिगत यह निर्णय लिया जाना जनहित में जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं को उत्तराखण्ड के अन्य धार्मिक और पौराणिक स्थलों में जाने के लिए भी प्रेरित किया जाए। उन्होंने गढ़वाल कमिश्नर और आईजी को निर्देश दिये कि इसके लिए डायवर्जन प्लान बनाया जाय। चारधाम यात्रा के लिए भीड़ प्रबंधन का विशेष ध्यान रखे जाने के साथ यह सुनिश्चित किया जाए कि चारों धामों में श्रद्धालुओं की जो संख्या निर्धारित की गई है, उसके अनुसार ही श्रद्धालुओं को भेजा जाए।
बिना रजिस्ट्रेशन के जो श्रद्धालु उत्तराखण्ड की सीमा के अन्दर प्रवेश कर चुके हैं, वे चारों धामों के अलावा राज्य के अन्य धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों के लिए जाना चाहते हैं, तो उन्हें वहां भेजा जाय, ऐसे श्रद्धालुओं को स्पष्ट जानकारी दी जाय कि चारों धामों में निर्धारित संख्या एवं तय मानकों के अनुसार ही श्रद्धालुओं को दर्शन हेतु भेजा जायेगा। इसके लिये टूर ऑपरेटरों के लिये भी एडवाईजरी जारी की जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इसका भी विश्लेषण किया जाए कि पिछले 10 दिनों में चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं और प्रबंधन में कहां कमी रही और यह कमी किन कारणों से उत्पन्न हुई। इसके साथ ही यह भी देखा जाय कि यात्रा के दौरान कौन से सराहनीय कार्य किये गये। उन्होंने अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन को निर्देश दिये कि इसकी साप्ताहिक रिपोर्ट तैयार की जाय।
मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिये है कि केदारनाथ और यमुनोत्री में शासन और पुलिस के जिन अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी दी गयी है वे निरन्तर फील्ड में रहें और व्यवस्थाओं में जिलाधिकारी और पुलिस का सहयोग करें। यात्रा मार्गों पर पर्याप्त चिकित्सकों और दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं। चारधाम यात्रा से जुड़े सभी विभागों को 24 घण्टे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश उन्होंने दिये।
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