केदारनाथ यात्रा मार्ग में फंसे 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को बचाया गया, फंसे हुए लोगों को निकालने का काम जारी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा केदारनाथ यात्रामार्ग पर रूके हुए लोगों को खाने पीने तथा आश्रय की समुचित व्यवस्था बनाए जाने के निर्देश दिये गए है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर केदारनाथ यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर रूके लोगों को खाने पीने की समुचित व्यवस्था कराई जा रही है। तथा इनके रूकने हेतु आश्रय की व्यवस्था की जा रही है। इन सभी स्थानों पर खाद्य सामग्री की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।
देहरादून/रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड पोस्ट) सचिव, आपदा प्रबन्धन एंव पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि 31 जुलाई को अतिवृष्टि के कारण अवस्थापना को भारी क्षति पहुँची है।
मुख्यमंत्री द्वारा इस आपदा के कारण केदारनाथ तथा केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए पूरी क्षमता के साथ खोज बचाव तथा राहत कार्य कराये जाने के निर्देश दिये गये है।
मुख्यमंत्री के द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में दिनांक 3 अगस्त को शाम 5 बजे तक केदारनाथ धाम से 58 लोगों को, भीमबली तथा लिंचोली से 1849 लोंगों को तथा चीड़बासा (गौरीकुण्ड) से 75 लोगों को, इस प्रकार कुल 1982 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है। भीमबली तथा लिंचोली से लगभग 455 लोगों को चौमासी-कालीमठ के रास्ते निकाला गया है तथा गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग हेतु लगभग 6662 लोगों को सकुशल निकाला गया है। इस तरह एक अगस्त से 3 अगस्त तक 9099 लोगों को सकुशल निकाला गया है।
रेस्क्यू तथा खोजबचाव का कार्य लगातार जारी
केदारनाथ तथा रास्ते में उपर की और लगातार घने बादल छाये है तथा इस कारण रेस्क्यू कार्य में लगातार व्यवधान हो रहा है। भारतीय वायुसेना द्वारा उपलब्ध कराया चिनूक हैलीकॉप्टर मौसम खराब होने के कारण अभी तक एक भी उड़ान नहीं भर पाया है। एमआई-17 हैलीकॉप्टर द्वारा खराब मौसम के कारण अभी तक केवल 3 उड़ान भरी जा सकी है, तथा केवल 60 लोगों को रेस्क्यू किया जा सका है।
राज्य सरकार द्वारा छोटे हैलीकॉप्टरों से रेस्क्यू का कार्य किया जा रहा है। 4 अगस्त को लगभग 400 लोगों को केदारनाथ जी से लिंचौली तक पैदल लाकर लिंचौली से इनको हैलीकॉप्टर के माध्यम से चारधाम हैलीपेड, सिरसी हैलीपेड आदि स्थानों पर लाया गया है। वर्तमान में रेस्क्यू कार्य के लिए 5 हैलीकॉप्टर लगाए गए हैं। 4 अगस्त को लिंचौली औऱ भीमबली से लगभग 560 लोगों को तथा केदारनाथ से 80 लोगों को इस प्रकार कुल 640 लोगों का रेस्क्यू किया गया है।
4 अगस्त की शाम तक श्री केदारनाथ धाम से 138 लोगों को लिंचौली और भीमबली से 2409 लोगों को तथा चीड़बासा (गौरीकुण्ड) से 75 लोगों को इस प्रकार कुल 2622 लोगों को एयरलिफट किया गया है तथा चारधाम हैलीपेड, सिरसी हैलीपेड आदि स्थानों पर लाया गया है। भीमबली तथा लिंचौली से पैदल मार्ग से अब तक कुल 567 लोगों को चौमासी कालीमठ तक लाया गया है। इसी प्रकार गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग तक कुल 7185 लोगों को वापस लाया गया है। इस प्रकार 4 अगस्त की शाम 5 बजे तक कुल 10374 लोगों को वापस लाया गया है।
वर्तमान में गौरीकुण्ड से सभी को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। गौरीकुण्ड में कोई भी यात्री शेष नहीं है। वर्तमान में वहाँ पर रहने वाले स्थानीय निवासीगण, दुकानदार, डोली पालकी संचालक, घोड़े खच्चर संचालक आदि रह रहें हैं। भीमबली तथा लिंचौली से भी अधिकांश यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया है। लिंचौली में लगभग 50 यात्री रूके है। केदारनाथ धाम में लगभग 350 यात्री रूके हुए हैं। केदारनाथ धाम में लगभग 350 लोगों के अलावा तीर्थ पुरोहित, स्थानीय दुकानदार, स्थानीय निवासी, पालकी डोली संचालक, घोड़े खच्चर संचालक आदि भी है। जो भी लोग नींचे आना चाहते हैं, मुख्यमंत्री द्वारा उनको भी आवश्यकतानुसार रेस्क्यू किये जाने के निर्देश दिये गये है।
सभी आवश्यक स्थानों पर खाद्य सामग्री की लगातार की जा रही है पर्याप्त आपूर्ति
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा केदारनाथ यात्रामार्ग पर रूके हुए लोगों को खाने पीने तथा आश्रय की समुचित व्यवस्था बनाए जाने के निर्देश दिये गए है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर केदारनाथ यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर रूके लोगों को खाने पीने की समुचित व्यवस्था कराई जा रही है। तथा इनके रूकने हेतु आश्रय की व्यवस्था की जा रही है। इन सभी स्थानों पर खाद्य सामग्री की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।
सोनप्रयाग में अभी तक 12600 खाने के पैकेट 10570 पानी की बोतल, 1000 फ्रूटी, 1000 बिस्किट के पैकेट वितरित किये गये हैं तथा 1198 लोगों को लंच तथा 250 लोगों को डिनर की व्यवस्था करायी गई है। सिरसी में 3200 खाने के पैकेट तथा 12860 पानी की बोतल इसी प्रकार मुनकटिया, गौरीकुण्ड चारधाम हैलीपैड चौमासी, केदारनाथ हैलीपेड पर अब तक लगभग 18650 खाने के पैकेट तथा 27930 पानी की बोतल वितरित की गयी है।
वर्तमान में केदारनाथ जी में 15 से अधिक दिनों हेतु खाद्य सामग्री उपलब्ध है, भीमबली में 7 कुन्तल चावल, 2.50 कुन्तल आटा,2.50 कुन्तल दाल, 7 ज्ञह चायपत्ती पर्याप्त मात्रा में पानी की बोतल, मसालें, ड्राईफूट आदि सामग्री 02.08.2024 से 03.08.2024 तक हैलीकॉप्टर की मदद से पहुँचाई गयी है। इसी प्रकार चौमासी में दिनाँक 03.08.2024 को 50 किलो आटा, 50 किलो चावल, 50 किलो आलू 5 किलो नमक, 10 किलो नमक, 10 किलो तेल, 10 किलो दाल, 30 किलो चीनी, 888 पानी की बोतल तथा अन्य सामग्री पहुँचायी गयी है।
खोज -बचाव कार्य में तेजी लाये जाने हेतु बढ़ायी गयी मानव शक्ति
मुख्यमंत्री के द्वारा खोज बचाव तथा राहत कार्य में तेजी लाये जाने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में खोज-बचाव तथा राहत कार्यों में मानव शक्ति बढ़ायी गयी है। दिनांक 03.08.2024 तक खोज व बचाव तथा राहत कार्य में कुल 882 लोग कार्य कर रहे थे। दिनांक 04.08.2024 को इसमें और 278 लोगों को बढ़ाया गया है। दिनांक 04.08.2024 को खोज-बचाव तथा राहत कार्य में कुल 1160 लोग कार्य कर रहे हैं।
जिन लोगों से उनके परिजनों का सम्पर्क नहीं हो पा रहा है उनकी खोजबीन हेतु चलाया जा रहा है विशेष अभियान
31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ जी, गौरीकुण्ड तथा केदारनाथ गौरीकुण्ड पैदल यात्रा मार्ग पर दूरसंचार सेवाएं बाधित हुई थी तथा इस कारण कुछ लोगों द्वारा इस बारे में कई तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थी। 2 अगस्त को केदारनाथ जी में व्हाट्सएप के माध्यम से कॉल करने की सुविधा दी गयी है।
3 अगस्त को गौरीकुण्ड में बीएसएनएल की दूरसंचार सेवा बहाल कर दी गयी है। जिन लोगों से सम्पर्क नहीं होने की बात की जा रही थी, पुलिस द्वारा ऐसे लोगों से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया। 3 अगस्त को पुलिस द्वारा सम्पर्क किये जाने पर अधिकांश लोगों से संपर्क हो गया है। पुलिस द्वारा लगातार अन्य लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। यदि किसी व्यक्ति का यात्रा करने वाले उसके परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया है वह जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन द्वारा इस हेतु जारी किये गये दूरभाष नम्बरों पर सम्पर्क कर अपने परिजनों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
हैल्प लाईन नं-
लैंडलाईन 01364.233727, 297878, 297879
मोबाइल 7579257572, 8958757335, 7579104738
यदि अभी भी कुछ लोग ऐसे पाये जाते हैं जिनसे सम्पर्क नहीं हो पा रहा है तो उसका एक कारण यह हो सकता है कि वह कहीं रास्ते में हो अथवा उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया हो।
स्निफर डॉग की ली जा रही है मदद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा ऐसे सभी लोगों से संपर्क किये जाने के निर्देश दिये गये हैं जिनके परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। ऐसे सभी लोगों को कॉल कर सम्पर्क किया जा रहा है तथा अधिकांश लोगों से सम्पर्क हो भी गया है। फिर भी एहतियात के तौर पर मुख्यमंत्री द्वारा वृहत् स्तर पर खोज-बीन के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में गौरीकुण्ड से केदारनाथ यात्रा मार्ग पर वृहद् स्तर पर खोज-बीन की जा रही है। खोज-बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, प्रशासन तथा यात्रा मैनेजमेण्ट टास्कफोर्स के लोगों को लगाया गया है। इनके द्वारा लगातार खोजबीन की जा रही है। इस कार्य हेतु स्निपर डॉग की भी मदद ली जा रही है।
सोनप्रयाग में वैली ब्रिज बनाये जाने हेतु ली जा है सेना की मदद
सोनप्रयाग में शटल ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया था। मुख्यमंत्री द्वारा इस कार्य हेतु सेना की भी मदद लेने हेतु निर्देश दिया गया था। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में इस हेतु सेना से मदद का अनुरोध किया गया। 4 अगस्त से सेना के 141 जवान सोनप्रयाग में ट्राली लगाये जाने हेतु कार्य आरंभ कर दिया गया है। सोनप्रयाग में ट्राली लगाये जाने हेतु सेना के साथ-साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ द्वारा भी सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री का पशु प्रेम भी प्रदर्शित हुआ
आपदा की इस घड़ी में मुख्यमंत्री का पशु प्रेम की सामने आया है। मुख्यमंत्री द्वारा पशुओं हेतु भी पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री के निर्देर्शों के क्रम में पूरे केदारनाथ धाम यात्रामार्ग पर घोड़े तथा खच्चरों हेतु पर्याप्त मात्रा में चारा चना, गुड़ आदि उपलब्ध कराया जा रहा है। हेलीकॉप्टर से भी पशुओं हेतु चारा आदि भेजा गया है। पशु चिकित्सा विभाग की 7 टीमें यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर भेजी गयी है जो पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है तथा आवश्यकतानुसार पशुओं का ईलाज आदि कर रही है।
रेस्क्यू के दौरान तथा रेस्क्यू के उपरांत स्वास्थ्य परीक्षण की भी व्यवस्था की गयी है
रेस्क्यू के दौरान तथा रेस्क्यू के उपरान्त रेस्क्यू किये गये व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण किये जाने की व्यवस्था की गयी है। ताकि किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी होने पर समय पर समुचित ईलाज किया जा सके।
वर्तमान में चारधाम यात्रा मार्ग पर तथा केदारनाथ धाम में स्थिति सामान्य है। यात्रामार्ग पर तथा केदारनाथ धाम में सभी लोग पुरी तरह से सुरक्षित हैं। राहत एवं बचाव कार्य पूरी क्षमता के साथ किया जा रहा है।
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