Koo App के साथ CERT-In और साइबरपीस फाउंडेशन ने की साझेदारी, भारतीय युवाओं को इंटरनेट सुरक्षा और उचित साइबर आदतों पर प्रशिक्षित करना है मकसद

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Koo App के साथ CERT-In और साइबरपीस फाउंडेशन ने की साझेदारी, भारतीय युवाओं को इंटरनेट सुरक्षा और उचित साइबर आदतों पर प्रशिक्षित करना है मकसद

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यह पहल पूरे भारत के कॉलेजों के छात्रों में सावधानी भरी और सुरक्षित ऑनलाइन गतिविधियों के बारे में जागरूकता पैदा करेगी


राष्ट्रीय, 11 जुलाई 2022: भारत के युवा तकनीक का सुरक्षित और जिम्मेदारी भरा इस्तेमाल करें, यह प्रोत्साहित करने के लिए कड़े प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इसके अंतर्गत #CybersKool पहल की गई है और भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-In), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और साइबरपीस फाउंडेशन ने भारत के बहुभाषी सोशल मीडिया ऐप कू के साथ सहयोग की घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य अगले 11 महीनों में पूरे भारत में कॉलेज के छात्रों को इसके लिए संवेदनशील बनाना है कि इंटरनेट और सोशल मीडिया को अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाया जा सके।

#CybersKool साइबर अधिकारों एवं कर्तव्यों, जिम्मेदार ऑनलाइन व्यवहार और नैतिक ऑनलाइन गतिविधियों के बारे में सूचना के आदान-प्रदान को ध्यान में रखते हुए तमाम इंटरैक्टिव वेबिनार, पैनल डिस्कशन, कार्यशालाओं और प्रतियोगिताओं को आयोजित करेगा। सभी व्यक्तियों को देसी भाषाओं में विचारों और राय को साझा करने के लिए एकजुट करने वाले मंच के रूप में कू ऐप ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में ज्ञान बांटने को प्रोत्साहित करने हेतु छात्रों के लिए स्लोगन राइटिंग और प्रश्नोत्तरी जैसी इंटरैक्टिव गतिविधियों को चलाएगा। छात्रों के साथ ही इनसे जुड़े हितधारकों जैसे माता-पिता, अभिभावकों और शिक्षकों द्वारा भी इन गतिविधियों में भाग लेने की उम्मीद की जा रही है। साल भर चलने वाले अभियान का समापन एक डिजिटल साइबर सुरक्षा मैनुअल के विमोचन के साथ होगा, जिसमें #CybersKool से सीख ली जाएगी। छात्रों के पढ़ने के लिए यह मैनुअल कू ऐप की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा।

साइबर सुरक्षा के इर्द-गिर्द सीईआरटी-इन के साथ मिलकर एक स्वतंत्र और जिम्मेदार मंच के रूप में स्थापित कू ऐप नागरिकों तक पहुंचने वाले लगातार प्रयास कर रहा है। भारत, दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते इंटरनेट बाजारों में से एक है और इसके साथ यूजर्स, विशेष रूप से युवाओं को उचित साइबर आदतों के बारे में सूचित करने और शिक्षित करने की जरूरत का अत्यधिक महत्व है।

कू ऐप के एक प्रवक्ता ने कहा, "सोशल मीडिया पर देसी भाषाओं में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने की कोशिश करने वाले मंच कू ऐप में सुरक्षित और जिम्मेदार यूजर व्यवहार को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता है। सीईआरटी-इन और साइबरपीस फाउंडेशन के साथ मिलकर #CybersKool पहल इस दिशा में एक और कदम है।”

साइबरपीस फाउंडेशन के संस्थापक और वैश्विक अध्यक्ष मेजर विनीत कुमार ने कहा, “छात्र सक्रिय इंटरनेट यूजर्स हैं और इसलिए आसानी से शिकार बन जाने वाले व्यक्तियों में से एक हैं। कू ऐप जैसे विश्वसनीय बहुभाषी मंच के साथ साझेदारी में सुरक्षित ऑनलाइन गतिविधियों के बारे में युवाओं और संबंधित हितधारकों को शिक्षित करने के लिए #CybersKool जरूरी हो गया है। हम इस जुड़ाव के लिए आभारी हैं और आगे एक सफल अभियान की आशा करते हैं।”

सीईआरटी-इन के महानिदेशक डॉ. संजय बहल ने कहा, “साइबर सुरक्षा जागरूकता इंटरनेट यूजर्स और नागरिकों के लिए नवीनतम धोखा देने वाली साइबर गतिविधियों से खुद को बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण अंग है। CERT-In, कू ऐप और साइबर पीस फाउंडेशन संयुक्त रूप से एक साल तक चलने वाले साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान “CybersKool” का आयोजन कर रहे हैं और इसे 6 जुलाई 2022 को 'साइबर जागरूकता दिवस' के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य इंटरनेट यूजर्स विशेष रूप से कॉलेज स्तर के छात्रों और स्कूली बच्चों को साइबर हमलों, धोखाधड़ी और अपराधों से खुद को बचाने के लिए सावधानी भरे और सुरक्षित उपायों के बारे में जागरूक करना है। भारतीय माइक्रो-ब्लॉगिंग और बहुभाषी मंच कू ऐप के साथ CERT-In भारतीय नागरिकों के बीच उनकी स्थानीय भाषा में साइबर सुरक्षा जागरूकता पैदा करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। सीईआरटी-इन को पूरी उम्मीद है कि यह अभियान इंटरनेट यूजर्स को यह समझाने में मदद करेगा कि रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उन्हें सशक्त बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक का प्रयोग जिम्मेदार, भरोसेमंद और सुरक्षित तरीके से किया जाना चाहिए।”

कू के बारे में

Koo App की लॉन्चिंग मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं के एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी, ताकि भारतीयों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति करने में सक्षम किया जा सके। कू ऐप ने भाषा-आधारित माइक्रो-ब्लॉगिंग में नया बदलाव किया है। Koo App फिलहाल हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, असमिया, बंगाली और अंग्रेजी समेत 10 भाषाओं में उपलब्ध है। Koo App भारतीयों को अपनी पसंद की भाषा में विचारों को साझा करने और स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्ति के लिए सशक्त बनाकर उनकी आवाज को लोकतांत्रिक बनाता है। मंच की एक अद्भुत विशेषता अनुवाद की है जो मूल टेक्स्ट से जुड़े संदर्भ और भाव को बनाए रखते हुए यूजर्स को रीयल टाइम में कई भाषाओं में अनुवाद कर अपना संदेश भेजने में सक्षम बनाती है, जो यूजर्स की पहुंच को बढ़ाता है और प्लेटफ़ॉर्म पर सक्रियता तेज़ करता है। प्लेटफॉर्म 3 करोड़ डाउनलोड का मील का पत्थर छू चुका है और राजनीति, खेल, मीडिया, मनोरंजन, आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति के 7,000 से ज्यादा प्रतिष्ठित व्यक्ति अपनी मूल भाषा में दर्शकों से जुड़ने के लिए सक्रिय रूप से मंच का लाभ उठाते हैं।

साइबरपीस फाउंडेशन के बारे में

साइबर युद्ध के वैश्विक खतरों के खिलाफ सामूहिक लचीलापन बनाने के लिए अग्रणी साइबर शांति पहल की दृष्टि से साइबरपीस फाउंडेशन (सीपीएफ) एक सम्मानित नागरिक समाज संगठन, साइबर सुरक्षा का ज्ञान भंडार और नीति विशेषज्ञों का समूह है। साइबर पीस फाउंडेशन साइबर शांति और साइबर सुरक्षा के सभी पहलुओं से संबंधित नीति समर्थन, अनुसंधान और प्रशिक्षण में शामिल है। साइबरपीस फाउंडेशन के काम के प्रमुख क्षेत्र प्रौद्योगिकी शासन, नीति समीक्षा और वकालत, क्षमता निर्माण और विभिन्न सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और नागरिक समाज संस्थाओं के साथ साझेदारी के माध्यम से निर्माण करना हैं।

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