चंपावत से चुनाव लड़ेंगे CM धामी, जानिए बीजेपी के लिए क्यों खास है ये सीट

  1. Home
  2. Dehradun

चंपावत से चुनाव लड़ेंगे CM धामी, जानिए बीजेपी के लिए क्यों खास है ये सीट

Dhami

2022 के विधानसभा चुनाव में पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर भाजपा ने चुनाव लड़ा और उत्तराखंड में बंपर जीत हासिल की। धीमी के चेहरे पर चुनाव लड़ते हुए भाजपा ने न सिर्फ 70 में से 47 सीटें जीतीं बल्कि राज्य में हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन का मिथक भी तोड़ा।




देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट)
2022 के विधानसभा चुनाव में पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर भाजपा ने चुनाव लड़ा और उत्तराखंड में बंपर जीत हासिल की। धीमी के चेहरे पर चुनाव लड़ते हुए भाजपा ने न सिर्फ 70 में से 47 सीटें जीतीं बल्कि राज्य में हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन का मिथक भी तोड़ा।

धामी के चेहरे पर चुनाव लड़कर भाजपा की सत्ता में वापसी तो कर ली लेकिन धामी खुद खटीमा से चुनाव से हार गए। लेकिन भाजपा ने उनपर भरोसा जताते हुए एक बार फिर से उत्तराखंड की कमान सौंपी।

धामी दोबारा तो मुख्यमंत्री बन गए लेकिन उनका 6 महीने के अंदर राज्य की किसी एक विधानसभा सीट से चुनाव जीतना जरूरी था। इसके बाद धामी के लिए भाजपा के आधा दर्जन विधायक अपनी सीट खाली करने को राजी हो गए।

सबके मन में यही सवाल था कि धामी कहां से चुनाव लड़ेंगे। लेकिन अब इसका जवाब मिल गया है। सीएम धामी के लिए सबसे पहले अपनी सीट खाली करने का ऐलान करने वाले चंपावत से विधायक कैलाश गहतोड़ी ने धामी के लिए अपनी सीट खाली कर दी है। गुरूवार को देहरादून में पहले साई मंदिर में दर्शन करने के बाद गहतोड़ी ने विधानसभा अध्यक्ष रितु भूषण खंडूड़ी को विस की सदस्यता से अपना त्यागपत्र सौंप दिया हैं।

गहतोड़ी ने विधानसभा अध्यक्ष के यमुना कॉलोनी स्थित सरकारी आवास पर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने मंजूर कर लिया है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने प्रेस को संबोधित करते हुए कैलाश चंद्र गहतोड़ी के इस्तीफे को स्वीकार करने की घोषणा की।

आपको बता दें कि राज्य गठन के बाद अब तक हुए पांच विधानसभा चुनावों में भाजपा को चंपावत विधानसभा सीट पर तीन बार जीत मिली है। पिछले दो विधानसभा चुनावों से चंपावत सीट पर भाजपा ने जीत दर्जी की है। 2017 में भाजपा ने कैलाश गहतोड़ी को मैदान में उतारा था, जिन्होंने 63 फीसदी से अधिक वोट लेकर शानदार जीत दर्ज की थी। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी गहतोड़ी विजयी रहे। राज्य बनने के बाद 2002 में सबसे पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हिमेश खर्कवाल इस सीट से चुनाव जीते। तब इस सीट भाजपा तीसरे स्थान पर रही थी। 2007 में इस सीट से भाजपा की बीना महाराना चुनाव जीतीं। 2012 में कांग्रेस के हिमेश खर्कवाल ने फिर वापसी की। 2017 और 2022 के चुनाव में भाजपा के कैलाश गहतोड़ी विजयी रहे।

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे