उत्तराखंड के शहरों के नाम बदलना हरीश रावत को मंजूर नहीं! सरकार पर लगाए ये आरोप

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उत्तराखंड के शहरों के नाम बदलना हरीश रावत को मंजूर नहीं! सरकार पर लगाए ये आरोप

HARDA

उत्तराखंड की धामी सरकार अब यूपी की योगी सरकार की राह पर चल पड़ी है। दरअसल, प्रदेश में धामी सरकार ने भी राज्य में ब्रिटिश काल का ठप्पा हटाने का निर्णय लिया है। उन्होंने ऐसे शहरों, स्थानों के नाम बदलने की तैयारी कर ली है जो अंग्रेज अफसरों के नाम पर रखे गए हैं।



देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट)
उत्तराखंड की धामी सरकार अब यूपी की योगी सरकार की राह पर चल पड़ी है। दरअसल, प्रदेश में धामी सरकार ने भी राज्य में ब्रिटिश काल का ठप्पा हटाने का निर्णय लिया है। उन्होंने ऐसे शहरों, स्थानों के नाम बदलने की तैयारी कर ली है जो अंग्रेज अफसरों के नाम पर रखे गए हैं।

धामी सरकार प्रदेश में ब्रिटिशकाल के उन सभी स्थानों, सड़कों और भवनों के नाम बदलेगी जो गुलामी की प्रतीक माने जाते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरियाणा के सूरजकुंड में यह एलान किया। मीडिया कर्मियों ने उनसे इस संबंध में सवाल पूछा था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से उत्तराखंड में भी गुलामी के प्रतीक और ब्रिटिशकालीन नाम बदले जाएंगे।

धामी सरकार के ऐलान के बाद इस पर कांग्रेस के दिग्गन नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की प्रतिक्रिया सामने आई है। हरदा ने कहा कि जब सरकारों के पास जनता को बताने के लिए कुछ नहीं होता है तब वह पुराने ब्रिटिशकालीन, मुगलकालीन नामों को बदलने का एक प्रपंच रचती है और उनसे जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश करते है। ये कहानी शायद उत्तराखंड में दोहराई जा रही है।

नीचे देखिए वीडियो-

बता दें कि प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से जिन पांच प्रणों की बात कही थी, उनमें गुलामी के प्रतीकों से मुक्ति भी शामिल है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मुगल और ब्रिटिशकालीन प्रतीकों और स्थानों के नाम बदलने के अभियान पर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी ऐसे ही इरादे जता दिए हैं।

इस दिशा में रक्षा मंत्रालय की ओर से पहले ही कवायद शुरू हो चुकी है। मंत्रालय ने राज्य के सैन्य छावनी वाले इलाकों की सड़कों, भवनों, स्कूलों और अन्य स्थानों के ब्रिटिशकालीन नामों की सूची मांगी है, साथ ही उनके स्थान पर रखे जाने वाले नामों के सुझाव भी देने को कहा है। इस संबंध में सैन्य अधिकारियों को पत्र भेजकर प्रस्ताव देने को कहा गया है।

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