उत्तराखंड | पेपर लीक के बाद होने जा रहे ये बड़े बदलाव, UKPSC से आई बड़ी खबर

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उत्तराखंड | पेपर लीक के बाद होने जा रहे ये बड़े बदलाव, UKPSC से आई बड़ी खबर

paper leak

उत्तराखंड से बड़ी खबर मिल रही है। पटवारी भर्ती का पेपर लीक होने के बाद उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने परीक्षा रद्द करके 12 फरवरी की तिथि तय कर दी। इसके बाद आयोग ने अभ्यर्थियों के विरोध के चलते मंगलवार को पीसीएस मुख्य परीक्षा और फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा की तिथियां भी आगे बढ़ा दी थीं। आयोग ने साफ कर दिया था कि अब आगामी भर्तियों में नए सवाल शामिल किए जाएंगे। पुराने पेपर और सवालों को हटा दिया गया है।


देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड से बड़ी खबर मिल रही है। पटवारी भर्ती का पेपर लीक होने के बाद उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने परीक्षा रद्द करके 12 फरवरी की तिथि तय कर दी। इसके बाद आयोग ने अभ्यर्थियों के विरोध के चलते मंगलवार को पीसीएस मुख्य परीक्षा और फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा की तिथियां भी आगे बढ़ा दी थीं। आयोग ने साफ कर दिया था कि अब आगामी भर्तियों में नए सवाल शामिल किए जाएंगे। पुराने पेपर और सवालों को हटा दिया गया है।

साथ ही आयोग ने बड़े पैमाने पर बदलाव शुरू कर दिए हैं। इसके तहत पुराने और अपेक्षाकृत कम सक्रिय विशेषज्ञों को हटाने के साथ ही क्वैश्चन बैंक के सवाल भी बदले जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, अब आयोग ने बड़े पैमाने पर बदलाव शुरू कर दिए हैं। आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि बड़े पैमाने पर बदलाव किए जा रहे हैं। परीक्षाओं को और सुरक्षित बनाया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक, आयोग में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रहे अधिकारियों, कर्मचारियों को लेकर भी आयोग ने सख्त योजना बनाई है। इन सभी की अंदरखाने जांच कराई जाएगी। यह देखा जाएगा कि उनका रहन-सहन कैसा है। क्या उनके पास आय से अधिक संपत्ति तो नहीं है। आयोग के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार पहले ही डीजीपी और अपर मुख्य सचिव गृह विभाग को पत्र भेजकर एलआईयू तैनात कराने की मांग कर चुके हैं।

यह हो रहे बदलाव

  • पुराने और कम सक्रिय विशेषज्ञों को हटाकर आयोग नए विशेषज्ञ शामिल कर रहा है।
  • परीक्षा के विशेषज्ञ केवल उत्तराखंड नहीं बल्कि देशभर के विश्वविद्यालयों से लिए जा रहे हैं।
  • कुछ परीक्षाओं के क्वैश्चन बैंक के सवालों को पूरी तरह से हटाया जा रहा है, नए सवाल शामिल किए जा रहे हैं।
  • आयोग एक ऐसा क्वैश्चन बैंक बनाने की कवायद में जुट गया है जो कि न केवल पूर्ण सुरक्षित हो बल्कि जिसमें सवालों की संख्या भी दस हजार से अधिक हो, ताकि दोबारा इस तरह की समस्या पेश ही न आए।
  • विषय विशेषज्ञों का चयन करने के लिए पहले जांच पड़ताल की जाएगी। ऐसे विशेषज्ञ चुने जाएंगे जो कि कहीं किसी तरह के विवाद में न फंसे हों।

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