उत्तराखंड में कांग्रेस को बड़ा झटका, धामी बोले- कांग्रेस में पतझड़, हरदा बोले- यूं ही कोई बेवफा नहीं होता...
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिनेश अग्रवाल के बीजेपी में शामिल होने पर कहा कि कांग्रेस में पतझड़ लग गया है। हर कोई भाजपा में आना चाहता है। तीन बार के विधायक रहे दिनेश अग्रवाल जी ने भी भाजपा ज्वाइन कर ली है।
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी को बड़ झटका लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक ने हाथ का साथ छोड़ कमल थाम लिया है।
बात कांग्रेस के पूर्व विधायक दिनेश अग्रवाल की हो रही है, जिन्होंने कांग्रेस पार्टी को अलविदा बोलकर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। रविवार को देहरादून में दिनेश अग्रवाल ने भाजपा कार्यलय में पार्टी की सदस्यता ली।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिनेश अग्रवाल के बीजेपी में शामिल होने पर कहा कि कांग्रेस में पतझड़ लग गया है। हर कोई भाजपा में आना चाहता है। तीन बार के विधायक रहे दिनेश अग्रवाल जी ने भी भाजपा ज्वाइन कर ली है।
आपको बता दें दिनेश अग्रवाल लंबे समय से कांग्रेस में थे। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में उन्हें स्टार प्रचारक भी बनाया था। शनिवार को लंबे गिले-शिकवों के बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया। बता दें कि दिनेश अग्रवाल तीन बार विधायक रह चुके हैं और कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
दिनेश अग्रवाल 1993 और 1996 में उत्तर प्रदेश के समय देहरादून विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हरबंस कपूर से हार गए। राज्य बनने के बाद 2002 व 2007 में लगातार दो चुनाव में उन्होंने लक्ष्मण चौक सीट पर नित्यानंद स्वामी को हराया। फिर 2012 में धर्मपुर विधानसभा सीट पर प्रकाश ध्यानी को हराकर विधायक बने। 2017 के चुनाव में वह भाजपा के विनोद चमोली से हार गए। इसके बाद 2018 में मेयर नगर निगम का चुनाव भी हार गए।
इन दो हार के बाद से दिनेश अग्रवाल पार्टी में तो रहे, लेकिन उनकी भूमिका ज्यादा प्रभावशाली नहीं थी। पिछले कुछ दिनों से उनके बगावती सुर सुनने को मिलने लगे थे। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने उन्हें मनाने की पुरजोर कोशिश की लेकिन अग्रवाल नहीं माने।
"कुछ तो रही होंगी मजबूरियां, कोई यूं ही बेवफा नहीं होता"
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अभी मुझे समाचार मिला कि दिनेश अग्रवाल जी ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। मैं समझ सकता हूं कि उनकी अपनी कुछ मजबूरियां रही होंगी, नहीं तो इतने वर्षों के कांग्रेस के जुड़ाव को वह इतने चुनौतीपूर्ण अवसर पर नहीं तोड़ते। 7 बार कांग्रेस ने उनको विधानसभा के लिए उम्मीदवार बनाया, मेयर के लिए भी उनको उम्मीदवार बनाया। कई साथियों की वरिष्ठता और क्षेत्रीय आरोपों को एक तरफ रखकर पार्टी ने मेरे विशेष आग्रह पर 2012 में उनको मंत्री पद से भी नवाजा, बल्कि मैं यह कहूं कि 2012 में मेरे राजनीतिक संघर्ष के वह सबसे प्रमुख लाभार्थी रहे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। भाजपा के नेताओं से उनकी चल रही बातचीत की भनक लगते ही मैं तीन बार उनके आवास पर मिलने के लिए गया, श्री प्रीतम सिंह जी भी उनसे मिलने गए, पार्टी के शीर्ष स्तर से लेकर प्रांतीय स्तर पर सब लोगों ने उनसे नाराजगी त्यागने का आग्रह किया। मैंने स्थानीय कांग्रेस के धर्मपुर क्षेत्र के पार्षद गणों, पूर्व पार्षद गणों की भावनाओं को देखते हुये धर्मपुर क्षेत्र में 10 दिन कांग्रेस कार्यालय खोलने के निर्णय को विलंबित किया। उनका मान-सम्मान और कांग्रेस से उनके गहरे रिश्ते को देखते हुये मैं पार्टी को भी धन्यवाद देना चाहूंगा कि सारी पुख्ता सूचनाओं के बावजूद भी जिनमें भाजपा के शीर्ष नेताओं के उनकी घर पर हुई बैठक की जानकारी के बावजूद भी पार्टी ने अग्रवाल के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की और आज भी हम इतना ही भर कह सकते हैं कि दिनेश अग्रवाल जी आप पार्टी के साथ अपने इतने लंबे रिश्ते को तोड़कर जहां जा रहे हैं, आपका मान-सम्मान वहां सुरक्षित रहे, और बढ़े, यह हम सबकी कामना है। मैं फिर कहना चाहूंगा "कुछ तो रही होंगी मजबूरियां, कोई यूं ही बेवफा नहीं होता" और मुझे उनकी मजबूरियों का कुछ-कुछ एहसास है, कुछ-कुछ आभास है। हां भाजपा को इस बात की बधाई है कि वह हमारे नेतागणों की मजबूरी का फायदा उठाने का कोई मौका चूकना नहीं चाहते हैं।
मैं धर्मपुर क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं, सभी अपने नेतागणों का आवाहन् करता हूं कि हरीश रावत स्वयं आगे बढ़कर धर्मपुर क्षेत्र के अपने कांग्रेस कार्यकर्ताओं, अपने नेतागणों के हितों की रक्षा करने का काम करेगा और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर निरंतर कांग्रेस को मजबूत करने का काम करेगा। वह चिंता छोड़कर और उत्साहपूर्वक इस चुनौती का सामना करने के लिए आगे आएं और अपनी पार्टी के झंडे को और अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह को घर-घर तक पहुंचाने के लिए कमर कस लें। वक्त ने हमारे सामने चुनौती प्रस्तुत की है, हमारा यह इम्तिहान है कि हम उस चुनौती का साहसपूर्वक सामना करें, 8 अप्रैल को प्रातः 11 बजे, आईएसबीटी के निकट कांग्रेस के चुनाव कार्यालय का शुभारंभ किया जाएगा। आप सब सादर आमंत्रित हैं।
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