इन 21 सीटों पर 24 के फेेर में फंसी कांग्रेस, गड़बड़ा सकता है जीत का गणित !
बागियों को मनाने में नाकाम रहने के बाद भारतीय जनता पार्टी के बाद सत्ताधारी कांग्रेस ने भी कोई चारा न देख आखिरकार अपने 24 नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इन सभी पर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने का आरोप है। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस
बागियों को मनाने में नाकाम रहने के बाद भारतीय जनता पार्टी के बाद सत्ताधारी कांग्रेस ने भी कोई चारा न देख आखिरकार अपने 24 नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इन सभी पर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने का आरोप है। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App –https://play.google.com/store/apps/details?id=app.uttarakhandpost
कांग्रेस ने भले ही 24 नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है लेकिन इससे राज्य में अपनी सत्ता बचाने में जुटी कांग्रेस की मुश्किलें आसान नहीं हो जाती है। 21 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के बागियों के मैदान में डटे रहने से इन सीटों पर कांग्रेस की जीत की उम्मीदों पर पानी भी फिर सकता है।
जाहिर है राज्य की 70 विधानसभा सीटों में से 21 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के 24 बागी नेता कहीं न कहीं पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी की जीत में रोड़ा बन सकते हैं। बागी नहीं भी जीतते हैं तो वे पार्टी प्रत्याशी के वोट काटने का काम करेंगे, जिसका सीधा फायदा विपक्षी पार्टी यानि कि बीजेपी को मिलेगा। ये स्थिति तब है जब इससे पहले ही कांग्रेस के दस बागी विधायक भाजपा का दामन थाम चुके हैं और भाजपा के टिकट में चुनाव मैदान में भी हैं।
इन 16 विधानसभा सीटों में अपनों से घिरी BJP, मुश्किल हुई जीत की राह !
कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार को चुनौती दे रहे हैं ये बागी |
- सहसपुर विधानसभा से आर्येन्द्र शर्मा
- देहरादून कैंट विधानसभा से लक्ष्मण सिंह नेगी और नवीन बिष्ट
- धर्मपुर विधानसभा से हाजी नूर हसन और मैडम रजनी रावत
- रायपुर विधानसभा से मैडम रजनी रावत
- भीमताल विधानसभा से रामसिह कैड़ा
- टिहरी विधानसभा से गोपाल चमोली
- प्रतापनगर विधानसभा से मुरारीलाल खण्डवाल और विजयपाल सिंह रावत
- झबरेड़ा विधानसभा से जितेन्द्र तिवाडी
- ज्वालापुर विधानसभा से बृज रानी
- हरिद्वार विधानसभा से रवीश भटीजा
- नैनीताल विधानसभा से के.एल. आर्या
- लालकुआं विधानसभा से हरेन्द्र सिंह बोरा
- पौड़ी विधानसभा से देवकीनन्दन शाह
- यमकेश्वर विधानसभा से रेणु बिष्ट
- सल्ट विधानसभा से कुबेर सिंह कठायत
- रुद्रप्रयाग विधानसभा से प्रदीप थपलियाल
- देवप्रयाग विधानसभा से शूरवीर सिह सजवाण
- यमुनोत्री विधानसभा से प्रकाश चन्द रमोला
- विकासनगर विधानसभा से विपुल जैन
- राजपुर रोड विधानसभा से अर्जुन सोनकर औऱ टीसी भारती
- मसूरी विधानसभा से कुमारी सारिका प्रधान
एक-एक सीट की है अहमियत | राज्य में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महज एक सीट से भाजपा से आगे थी और यही वजह है कि उसे सरकार बनाने का मौका मिला औऱ निर्दलीय और बसपा के दम पर कांग्रेस ने सरकार बना ली। सिर्फ एक सीट कम होने की वजह से भाजपा ने ये मौका गंवा दिया था। ऐसे में एक-एक सीट की अहमियत इस चुनाव में समझी जा सकती है।
2012 में राज्य की 70 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 31 सीटों पर जीत मिली थी तो कांग्रेस ने 32 सीटों पर जीत हासिल की थी। जिसके बाद सरकार बनाने का मौका मिलने पर कांग्रेस ने निर्दलीय और बसपा के सहारे से सरकार बना ली थी।
इस बार 21 सीटों पर कांग्रेस के बागी पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं तो 21 सीटों पर न सही लेकिन कम से कम 5 से 6 सीटों पर कांग्रेस के जीत के समीकरण बिगाड़ सकते हैं।
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