धामी सरकार के दो फैसले- एक से हरदा खुश तो दूसरे के विरोध में मोर्चा खोलने का कर दिया ऐलान
दंगाइयों के खिलाफ कड़ा कानून बने, सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने वालों के खिलाफ कड़ा कानून बने, सरकारी संपतियों को आग लगाने और तोड़-फोड़ करने वालों के खिलाफ कड़ा कानून बने, मगर यदि विरोध प्रदर्शन, बंद, हड़ताल, धरने आदि के दौरान जो लोकतांत्रिक गतिविधियां हैं, उन पर अंकुश लगाने के लिए कोई कानून बनाया जाता है तो वह दुर्भाग्यपूर्ण होगा, वह भी ऑर्डिनेंस के जरिए!!
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने धामी सरकार के दो फैसलों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हरदा एक फैसले से खुश नजर आए तो दूसरा फैसला पूर्व मुख्यमंत्री को नागवार गुजरा है।
इन दो फैसलों पर हरीश रावत कहते हैं- एक अच्छी खबर पढ़ी कि खेल कोटे से सरकारी विभागों में सीधे नियुक्ति और उसके बाद एक ऐसी खबर पढ़ी जो लोकतंत्र के लिए खतरे का संकेत है।
दंगाइयों के खिलाफ कड़ा कानून बने, सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने वालों के खिलाफ कड़ा कानून बने, सरकारी संपतियों को आग लगाने और तोड़-फोड़ करने वालों के खिलाफ कड़ा कानून बने, मगर यदि विरोध प्रदर्शन, बंद, हड़ताल, धरने आदि के दौरान जो लोकतांत्रिक गतिविधियां हैं, उन पर अंकुश लगाने के लिए कोई कानून बनाया जाता है तो वह दुर्भाग्यपूर्ण होगा, वह भी ऑर्डिनेंस के जरिए!!
हरीश रावत ने आगे कहा कि मैं कल दिनांक-6 मार्च, 2024 को सरकार के इस प्रयास के विरोध में अपने आवास पर 1 घंटे का मौन उपवास रखूंगा और इस आग्रह के साथ रखूंगा कि महामहिम राज्यपाल महोदय इस अध्यादेश को वापस लौटा दें, यह राज्य के लोकतांत्रिक स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक स्थिति पैदा कर देगा।
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