पर्यावरण को समर्पित ‘‘हरेला‘‘ पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक परम्परा का प्रतीक है: धामी

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पर्यावरण को समर्पित ‘‘हरेला‘‘ पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक परम्परा का प्रतीक है: धामी

Pushkar_Singh_Dhami

मुख्यमंत्री ने कहा कि जुलाई एवं अगस्त माह का समय वृक्षारोपण के लिए सबसे उपयुक्त है। हमें अपनी परम्पराओं एवं परिवेश को बढ़ावा देना होगा। प्रकृति को महत्व देने की हमारी परम्परा रही है।


 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को समर्पित ‘‘हरेला‘‘ पर्व उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक परम्परा का प्रतीक है। यह त्योहार सम्पन्नता, हरियाली और पर्यावरण संरक्षण का सन्देश देता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जुलाई एवं अगस्त माह का समय वृक्षारोपण के लिए सबसे उपयुक्त है। हमें अपनी परम्पराओं एवं परिवेश को बढ़ावा देना होगा। प्रकृति को महत्व देने की हमारी परम्परा रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरेला सुख-समृद्धि व जागरूकता का भी प्रतीक है। पर्यावरण बचाने की संस्कृति की ऐसी सुंदर झलक देवभूमि उत्तराखंड में ही दिखती है। आने वाली पीढ़ी को शुद्ध हवा व वातावरण मिल सके इसके लिए सबको वृक्षारोपण व पर्यावरण संरक्षण की ओर ध्यान देना होगा। ग्लोबल वर्मिंग की समस्या से आज दुनिया भर के देश चिंतित हैं। यह पर्व ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ने का संदेश भी देता है।

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