हरीश रावत की 'रावतबाजी', कहा- पुराने रावत के फैसलों की हड्डियां चौराहे में फोड़ करके वाही-वाही बटोर रहे हैं नए रावत

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हरीश रावत की 'रावतबाजी', कहा- पुराने रावत के फैसलों की हड्डियां चौराहे में फोड़ करके वाही-वाही बटोर रहे हैं नए रावत

हरीश रावत की 'रावतबाजी', कहा- पुराने रावत के फैसलों की हड्डियां चौराहे में फोड़ करके वाही-वाही बटोर रहे हैं नए रावत

उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के बाद तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बने है। भाजपा के इस फैसले से कांग्रेस उस पर लगातार हमला बोल रही है। मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद से ही CM तीरथ सिंह रावत चर्चाओं में बने हुए है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कई फैसले बदल दिए है।


देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के बाद तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बने है। भाजपा के इस फैसले से कांग्रेस उस पर लगातार हमला बोल रही है। मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद से ही CM तीरथ सिंह रावत चर्चाओं में बने हुए है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कई फैसले बदल दिए है।

इस पर त्रिवेंद्र सिंह रावत कह चुके है कि उनकी सरकार ने सोच समझकर सही फैसले लिए थे। त्रिवेंद्र के बयानों से लगता है कि उनके फैसले बदले जाने से वह आहत है। ये तो बात हो गई बीजेपी के दो रावत की ! कांग्रेस के रावत भी अक्सर चर्चाओं में रहते है। बात हो रही है हरीश रावत की, हरदा भी त्रिवेंद्र के कार्यकाल में उन पर निशाने साधते रहे और अब तीरथ सरकार भी उन्हें रास नही आ रही है।

हरीश रावत ने तीरथ सरकार पर जमकर हमला बोला है, साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पर निशाना साधकर उन्हें त्रिवेंद्र सिंह रावत से ज्यादा चालाक बताया है। हरीश रावत ने ट्वीट कर कहा, ‘यदि आप मुझ पर रावतबाजी का आरोप न लगाएं तो मैं इतना कहने की इजाजत चाहता हूं कि जो रावत आया है, वो गये हुये रावत से ज्यादा चालाक है, न केवल पुराने रावत के कुछ फैसलों की हड्डियां चौराहे में फोड़ करके वाही-वाही बटोर रहे हैं, बल्कि माननीय सुप्रीमकोर्ट के निर्देशों को भी अपना फैसला बता करके जनता की भी वाही-वाही बटोरने से चूक नहीं रहे हैं’।

हरीश रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार कह रहे हैं कि मैंने कोविड-19 दौरान लगे हुए सभी मुकदमों को वापस ले लिया है। मुख्यमंत्री जी, केंद्रीय कानून है उसके मुकदमों को आप वापस नहीं ले सकते थे, उनको वापस लेने का जब तक न्यायिक निर्णय नहीं होता है और वो न्यायिक निर्णय हो चुका है। माननीय सुप्रीमकोर्ट ने अपने फैसले में सभी राज्यों को निर्देश दिये हैं कि वो कोविड-19/लॉकडाउन के दौरान लगे हुये मुकदमों को वापस लें। कांग्रेस शासित राज्य, विपक्ष शासित राज्य तो दूसरे दिन ही ले चुके हैं, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश जारी होते ही, यू.पी. ने भी बहुत पहले ले लिया है।

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