जागर संस्कृति के संवर्धन के लिए श्रीनगर में खुलेगा जागर महाविद्यालय
उत्तराखण्ड की परम्परागत शिल्प के संवर्धन के लिये अल्मोड़ा के गरूड़ाबांज में स्थापित हरिप्रसाद टमटा परम्परागत शिल्प उन्नयन संस्थान की तरह ही जागर संस्कृति के संवर्धन के लिए श्रीनगर-गढ़वाल में जयानन्द भारती जागर महाविद्यालय स्थापित किया जायेगा। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बताया कि इस महाविद्यालय में परम्परागत संस्कार से सीखे पुराने जागर गायकों व ओजियों
उत्तराखण्ड की परम्परागत शिल्प के संवर्धन के लिये अल्मोड़ा के गरूड़ाबांज में स्थापित हरिप्रसाद टमटा परम्परागत शिल्प उन्नयन संस्थान की तरह ही जागर संस्कृति के संवर्धन के लिए श्रीनगर-गढ़वाल में जयानन्द भारती जागर महाविद्यालय स्थापित किया जायेगा। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बताया कि इस महाविद्यालय में परम्परागत संस्कार से सीखे पुराने जागर गायकों व ओजियों की आनरेरी व्याख्याता के रूप में सेवा ली जायेगी। इनकी भागीदारी से इस परम्परागत गीत शैली को संरक्षण प्राप्त हो सकेगा। साथ ही जागर विद्या के गायकों, ज्ञाताओं की सूची तैयार कर इस महाविद्यालय को स्थापित करने के लिये विस्तृत कार्य योजना तैयार कर इसे शीघ्र कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा। वहीं सरकार ने केदारनाथ एवं जागेश्वर की शिव महिमा पर आधारित गीत व जागर तैयार कर उसके व्यापक प्रचार-प्रसार की व्यवस्था करने का भी फैसला लिया है।
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