पटवारी-लेखपाल पेपर लीक | अधिकारी ने पत्नी के साथ मिलकर किया पेपर लीक, लाखों में बेचे 380 सवाल

उत्तराखंड में बीते 8 जनवरी को हुई पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया। हैरानी की बात यह है कि पेपर लीक करने वाला आयोग के ही अति गोपन विभाग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी निकला। अधिकारी ने ये काम अपनी पत्नी के साथ मिलकर किया।
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड में बीते 8 जनवरी को हुई पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया। हैरानी की बात यह है कि पेपर लीक करने वाला आयोग के ही अति गोपन विभाग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी निकला। अधिकारी ने ये काम अपनी पत्नी के साथ मिलकर किया।
एसटीएफ ने अनुभाग अधिकारी, पत्नी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से परीक्षा सामग्री और 41.50 लाख रुपये बरामद हुए हैं। मामला सामने आने के बाद आयोग ने आरोपी अनुभाग अधिकारी को निलंबित करते हुए पटवारी भर्ती परीक्षा रद्द कर दी है। अब यह परीक्षा 12 फरवरी को दोबारा होगी।
एसटीएफ ने बृहस्पतिवार को पटवारी-लेखपाल भर्ती के पेपर लीक का खुलासा किया। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि परीक्षा के दो दिन बाद पेपर लीक होने की सूचना मिली थी, जिस पर एसटीएफ की चार टीमें बनाकर हरिद्वार और आसपास के क्षेत्रों में रवाना की गई। शुरुआती पड़ताल में आयोग के ही एक कर्मचारी का हाथ सामने आ रहा था। एक अभ्यर्थी ने आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के नाम का खुलासा किया। एसटीएफ ने इसकी गहराई पड़ताल कर उसे हिरासत में ले लिया था। उससे पूछताछ के बाद पता चला कि अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने अति गोपन कार्यालय से पेपर का मोबाइल से फोटो खींचने के बाद पत्नी रितु को उपलब्ध कराया। इसके बाद रितु ने इस पेपर को राजपाल को दिया। राजपाल ने अपने अन्य लोगों के साथ मिलकर अभ्यर्थियों तक पेपर पहुंचाया और दो फॉर्म हाउस (बिहारीगढ़ व लक्सर) में हल करवाया।
पूछताछ के आधार पर एसटीएफ ने संजीव चतुर्वेदी के साथी राजपाल, संजीव कुमार, रामकुमार को गिरफ्तार कर लिया। अभी तक मामले में एसटीएफ आरोपियों से प्रश्न पत्रों के अलावा 41 लाख 50 हजार रुपये बरामद कर चुकी थी। देर शाम एसटीएफ ने संजीव चतुर्वेदी की पत्नी रितु को भी गिरफ्तार कर लिया। मामले में हरिद्वार के कनखल थाने में आईपीसी 409, 420, 467, 468, 471, 120-बी और उत्तर प्रदेश उत्तराखंड सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) निवारण अधिनियम 1998 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। आपको बता दें कि पटवारी लेखपाल परीक्षा के लिए 1,58,210 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इनमें से 1,14,071 ने परीक्षा दी थी। यह परीक्षा आयोग ने प्रदेश में 498 केंद्रों पर कराई थी।
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