पंचतत्व में विलीन हुआ देवभूमी का लाल, 15 वर्ष के बेटे ने दी मुखाग्नि
शिलांग में शहीद हुए उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग निवासी हवलदार कुलदीप भंडारी की रविवार को मंदाकिनी नदी किनारे पैतृक घाट पर सैन्य सम्मान के साथ अंतेष्टि की गई। शहीद के 15 वर्ष के बेटे ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी।
रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड पोस्ट) शिलांग में शहीद हुए उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग निवासी हवलदार कुलदीप भंडारी की रविवार को मंदाकिनी नदी किनारे पैतृक घाट पर सैन्य सम्मान के साथ अंतेष्टि की गई। शहीद के 15 वर्ष के बेटे ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी।
बता दें कि अगस्त्यमुनि ब्लॉक के फलई गांव निवासी व शिलांग में तैनात रहे 35 असम रायफल में तैनात हवलदार 42 वर्षीय जवान कुलदीप सिंह भंडारी ऑपरेशन ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए थे। शनिवार देर शाम शहीद का पार्थिव शव सेना के हेलीकॉप्टर से देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचाया गया था। शहीद अपने पीछे बूढ़ी मां, पत्नी, 15 वर्षीय पुत्र आयुष व 18 वर्षीय पुत्री ईशा को छोड़ गए हैं। जबकि पिता हुकुम सिंह भंडारी का करीब डेढ़ पूर्व निधन हो चुका है।
फलई के ग्राम प्रधान विजयपाल सिंह राणा ने बताया कि घटना के बारे में उन्हें बीते शुक्रवार दोपहर बाद सूचना मिली थी। लेकिन पुष्टि नहीं हो पाई। शनिवार को सेना के कार्यालय से फोन कर घटना के बारे में बताया गया। ग्राम प्रधान विजयपाल सिंह राणा ने बताया कि 35-असम रायफल के जवान कुलदीप सिंह भंडारी बीते डेढ़ माह पूर्व छुट्टी पर घर आए थे। बताया कि वह काफी हंसमुख थे। वह, गांव में होने वाले सामाजिक कार्यों में भी खूब उत्साह से भाग लेते थे।
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