एक फैसले से बदल गए समीकरण, अब कैसे बदल जाएगा टिकट का फॉर्मूला!

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एक फैसले से बदल गए समीकरण, अब कैसे बदल जाएगा टिकट का फॉर्मूला!

Khanduri

दरअसल, मनीष खंडूड़ी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पौड़ी गढ़वाल सीट से किस्मत आजमाई थी, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए थे। सूत्रों के मुताबिक, इस बार भी कांग्रेस के पैनल में मनीष ही पहली च्वाइस के तौर पर शामिल थे, उन्हें इस बात का अहसास भी था। अचानक उनके पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल होने के बाद यहां टिकट दावेदारी के समीकरण बदल गए हैं।


 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले उत्तराखंड में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी के पुत्र मनीष खंडूडी ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने के बाद शनिवार को बीजेपी का दामन थाम लिया।

नरेंद्र मोदी में देश को आगे ले जाने की क्षमता

मनीष खंडूड़ी ने भाजपा की सदस्यता देने पर कहा कि वह राजनीति में किसी निजी कारणों से नहीं आए है, ये उनके लिए संघर्ष का रास्ता रहा। उन्होंने कहा कि चुनाव हारने के बाद गढ़वल सीट जहां छोड़कर आया हूं वहां भी अच्छे लोग हैं लेकिन राज्य के विकास को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा ही सही प्लेटफार्म है। मैं ना टिकट के लिए आया हूं और ना ही पद मांगा। मैं किसी निजी स्वार्थ के लिए भाजपा में नहीं आया हूं। मैं प्रधानमंत्री मोदी से प्रभावित हूं। उनका उत्तराखंड से विशेष लगाव है। राज्य के विकास में उनका अहम योगदान है।

कांग्रेस किसे देगी टिकट

दरअसल, मनीष खंडूड़ी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पौड़ी गढ़वाल सीट से किस्मत आजमाई थी, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए थे। सूत्रों के मुताबिक, इस बार भी कांग्रेस के पैनल में मनीष ही पहली च्वाइस के तौर पर शामिल थे, उन्हें इस बात का अहसास भी था। अचानक उनके पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल होने के बाद यहां टिकट दावेदारी के समीकरण बदल गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक अब यहां पूर्व पार्टी अध्यक्ष गणेश गोदियाल, बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी, प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला के अलावा पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के नाम पर मंथन तेज हो गया है। पौड़ी गढ़वाल और हरिद्वार लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी चयन में भाजपा और कांग्रेस आमतौर पर ठाकुर-ब्राह्मण फार्मूले पर चलती आई है। एक सीट पर ठाकुर तो दूसरी पर ब्राह्मण चेहरे का रिवाज रहा है।

अभी भाजपा ने भी इन दोनों सीटों पर अपने पत्ते नहीं खोले। ऐसे में कांग्रेस भी मैदान में भाजपा के दांव के इंतजार में है। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि संभावित तौर पर 14 मार्च को प्रत्याशियों की घोषणा हो सकती है लेकिन इसमें ये दोनों सीटें शामिल होंगी या नहीं, कहना मुश्किल है।

कांग्रेस मुक्त नहीं युक्त हो गई भाजपा

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि उन्हें मनीष के अचानक पार्टी छोड़ने का दुख है। लेकिन जो भाजपा कांग्रेस मुक्त भारत का सपना दिखाती आई है, वह खुद कांग्रेस युक्त हो गई है। नौ में से पांच मंत्री कांग्रेस बैकग्राउंड के हैं। बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं के कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर माहरा ने कहा कि लालच, सत्ता भोगी सोच और डर वाले लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत घबराहट में है। आज 400 पार का दावा करने के बावजूद दूसरे दलों के लोगों को लेने में जुटी है। उन्होंने कहा कि ये 1977 जैसा दौर है। एक बीजेपी शासित सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे और भाजपा विधायक व विस अध्यक्ष के भाई होने के बावजूद मनीष को कांग्रेस ने बहुत सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि मनीष को थोड़ा सब्र रखना चाहिए था।

गढ़वाल से बीजेपी देगी टिकट ?

बीजेपी ने उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में से 3 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। टिहरी लोकसभा से माला राज्य लक्ष्मी शाह, नैनीताल सीट से अजय भट्ट तो अल्मोड़ा लोकसभा से अजय टम्टा पर दांव खेला है। वहीं हरिद्वार और गढ़वाल लोकसभा सीट पर बीजेपी ने अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। माना ये भी जा रहा है कि बीजेपी गढ़वाल लोकसभा सीट से मनीष खंडूरी पर दांव खेल सकती है।

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