उत्तराखंड | पावर बैंक से 360 करोड़ की ठगी, जानिए कैसे होता था करोड़ों का खेल

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उत्तराखंड | पावर बैंक से 360 करोड़ की ठगी, जानिए कैसे होता था करोड़ों का खेल

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पावर बैंक एप में पैसे निवेश कर 15 दिन मे पैसे दोगुने करने का लालच देकर करोड़ो रुपये की धोखाधड़ी करने वाले अन्तराष्ट्रीय गिरोह का 01 और सदस्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार। प्रकरण में 04 और अभियोग पंजीकृत किये गये और 08 एकाउंट में लगभग 30 लाख रुपये कराये गये फ्रीज।


 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) पावर बैंक एप में पैसे निवेश कर 15 दिन मे पैसे दोगुने करने का लालच देकर करोड़ो रुपये की धोखाधड़ी करने वाले अन्तराष्ट्रीय गिरोह का 01 और सदस्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार। प्रकरण में 04 और अभियोग पंजीकृत किये गये और 08 एकाउंट में लगभग 30 लाख रुपये कराये गये फ्रीज।

इस मामले में साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को पीडित रोहित कुमार निवासी श्यामपुर जनपद हरिद्वार द्वारा साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून तथा राहुल कुमार गोयल निवासी कनखल हरिद्वार द्वारा शिकायत प्रेषित की गयी थी, जिसमें उनके द्वारा प्ले-स्टोर से पावर बैंक नामक ऐप डाउनलोड कर भिन्न भिन्न तिथियो में क्रमशः 91,200/- (इकानब्बे हजार दो सौ) एवं 73,000/- (तिहत्तर हजार) रुपये जमा कराये गये थे। शिकायतकर्ता द्वारा प्रेषित प्रार्थना पत्रो पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 18/21 धारा 420 भादवि व 66(सी), 66(डी) आईटी एक्ट एवं मु0अ0सं0 19/21 धारा 420 भादवि व 66(सी), 66(डी) आईटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना निरीक्षक श्री महेश्वर पुर्वाल के सुपूर्द कर STF एवं साइबर थाने की संयुक्त टीम का गठन किया गया । उक्त प्रकार के अपराध के सम्बन्ध में जनपद टिहरी गढ़वाल में भी एक अभियोग पंजीकृत है, जिसमे शिकायतकर्ता से 97000/- की धोखाधड़ी की गयी है।

पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत व लगन से देश भर में धनराशि दोगुना करने से सम्बन्धित संचालित ऐप के नाम पर लोगो का विश्वास जीतकर उनकी मेहनत की कमाई की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के सदस्य पवन कुमार पाण्डेय पुत्र बनवारी पाण्डये निवासी सी-7 एचआईजी फ्लैट, ग्रीन व्यू अपार्डमेंट सैक्टर 99 नोयडा उ0प्र0 को दिनांक 07-06-2021 को नोयडा उ0प्र0 से गिरफ्तार किया गया। अभियोग में अभियुक्त के विरुद्ध धारा 3/21, 4/22 Banning of unregulated deposit Scheme act 2019 का अपराध कारित करना भी पाया गया।

अभियोग में तकनीकी साक्ष्य एकत्रित किये गये तो पाया कि आरोपियो द्वारा धनराशि के लेनदेन हेतु अधिकांशतः RAZORPAY Wallet/Gateway का प्रयोग किया गया । उक्त सम्बन्ध में टीम द्वारा RAZORPAY Gateway से सम्पर्क कर करोड़ो की धोखाधड़ी में RAZORPAY Gateway का उपयोग होना तथा आरोपियों के सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध कराने की अपेक्षा की गयी । बैंक/मर्चेन्ट/गेटवे एवं अन्य सम्बन्धित कम्पनियों से प्राप्त विवरण का विश्लेषण किया गया तो वर्तमान तक 360 करोड की धोखाधड़ी प्रकाश मे आयी तथा और अधिक धनराशि की धोखाधड़ी सम्भावित है ।

इसी क्रम में RAZORPAY के legal Head के द्वारा दिनांक 01-06-2021 को साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन बैंगलोर मे पावर बैंक से सम्बन्धित कम्पनियों 1- H&S Ventures Inc, 2- Clifford Ventures, 3- Lorfly Technology Pvt. Ltd.,  4-Biosoft Ventures Inc, 5-Maojaza Technology Pvt. Ltd. 6- Divyam Infracon Pvt. Ltd., 7- 360TEQ Software Pvt. Ltd, 8-Centrono Solution Pvt. Ltd, 9- Purplehues Sunny Communication Pvt. Ltd, 10- Sachin Mapleleaf Communication (OPC) के निदेशको सहित 13 व्यक्तियो के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया। बैंगलोर पुलिस द्वारा प्रकरण में 06 आरोपियो की गिरफ्तारी की गयी है । गिरफ्तारी अभियुक्तो मे से 03 अभियुक्त 1- नागाभूषण, 2-सुकन्या,  3- तिब्बत मूल के पेमा वांगमो साईबर थाने पर पंजीकृत अभियोगो में भी सम्मिलित है, जिनको शीघ्र ही रिमाण्ड पर उत्तराखण्ड लाया जायेगा ।

पावर बैंक नामक एप के माध्यम से ठगी के सम्बन्ध में साईबर सैल दिल्ली द्वारा भी दिनांक 29-5-2021 को अभियोग पंजीकृत किया गया । दिल्ली पुलिस द्वारा प्रकरण में सम्बन्धित कम्पनियों के निदेशक एवं कम्पनी के CA अविक केडिया एवं रौनक सहित 11 आरोपियो की गिरफ्तारी की गयी है, अभियुक्त अविक केडिया साईबर थाने पर पंजीकृत अभियोग में भी सम्मिलित है, जिसको शीघ्र रिमाण्ड पर उत्तराखण्ड लाया जायेगा ।

पावर बैंक नामक एप के माध्यम से ठगी के सम्बन्ध में साईबर सैल गुजरात में भी एक अभियोग पंजीकृत किया गया है। जिसमे एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा गिरफ्तार अभियुक्तो की संलिप्तता भी पायी गयी है।

प्रकरण के सम्बन्ध में समाचार पत्रो एवं सोशल मीडियो में प्रचार प्रसार होने के कारण वर्तमान तक ई-मेल एवं व्यक्तिगत रुप से विभिन्न जनपदो से अब तक छोटी एवं बड़ी धनराशि से सम्बन्धित 55 शिकायते प्राप्त हुयी है जिनमे से 04 प्रकरणो (मनोज चौहान निवासी हरिद्वार से 2,82,600/-, आशीष मोहन निवासी हरिद्वार से 1,80,000/-, प्रशान्त कुमार निवासी हरिद्वार से 4,71,200/- एवं कुलदीप कुमार निवास हरिद्वार से 3,94,800/- की धोखाधड़ी) में अभियोग पंजीकृत किये गये है तथा शेष प्रार्थना पत्रो पर जांच प्रचलित है।

अब तक पुलिस टीम द्वारा अभियुक्तो की गिरफ्तारी हेतु विभिन्न स्थानो में दबिशे दी गयी तथा *01 अन्य अभियुक्त प्रकाश बैरागी निवासी ग्राम मियांपुर बेली जनपद लखीमपुर खीरी उ0प्र को लखीमपुर खीरी से गिरफ्तार किया गया है। उक्त अभियुक्त प्रकरण में संलिप्त कम्पनियों Maojaza Technology एवं Sumyth Pvt. Ltd का डायरेक्टर है जिसकी कम्पनी के खातो में पावर बैंक एप के माध्यम से धोखाधड़ी से लगभग 57 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है।

टीम द्वारा गिरफ्तार अभियुक्त पवन कुमार पाण्डेय पुत्र बनवारी पाण्डये निवासी सी-7 एचआईजी फ्लैट, ग्रीन व्यू अपार्डमेंट सैक्टर 99 नोयडा उ0प्र0 के बैंक खातो में लगभग 28 लाख रुपये फ्रीज कराये गये तथा अभियुक्त प्रकाश बैरागी के खातो में 50 हजार रुपये फ्रीज कराये गये ।

साईबर थाने द्वारा तकनीकी रुप से यह जानकारी भी प्राप्त की गयी जिसमे कि धोखाधड़ी से प्राप्त कुछ धनराशि को क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से चीन भेजे जाने के साक्ष्य प्राप्त हुये है, साथ ही धोखाधड़ी हेतु प्रयुक्त पावर बैंक एप को Hongkong China से संचालित किया जा रहा था। इस संबंध में Honkong के xiaoxiao chen और China से Lin Xhin के नाम प्रकाश में आए हैं।

प्रकरण काफी गम्भीर एवं इसमे विदेशी नागरिको/कम्पनियो के जुड़े होने के साक्ष्य प्राप्त होने के कारण राष्ट्रीय एजंसियो CBI, IB, ED आदि से भी समन्वय स्थापित कर सहयोग लिया जा रहा है, साथ ही अन्तराष्ट्रीय एजेंसियो से भी सम्पर्क स्थापित करने का प्रयास जारी है।

इसी क्रम में वर्तमान में प्रचलित अन्य कई संदिग्ध एप के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त हुयी है जो इसी प्रकार के अवैध कार्यो मे लिप्त है जिनमे मुख्यतः EZ Point, Sun factory, Lightening Power Bank, EZ Coin, Fish+ आदि सम्मिलित है Fish+ नामक एप के द्वारा की जा रही धोखाधड़ी से सम्बन्धित शिकायत जनपद उत्तरकाशी निवासी व्यक्ति के माध्यम से प्राप्त हुयी है।

आप सभी से अपील है कि किसी भी प्रकार के ऑनलाईन एप के माध्यम से पैसे दोगुने, लक्की ड्रॉ, डिस्काउन्ट, लॉटरी के प्रलोभन में न आयें । पहले ऐसे किसी भी ऑफर की जांच कर ले। कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन से सम्पर्क करें।

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