उत्तराखंड | धधकते जंगलों को बारिश का इंतजार, रील बनाने के लिए लगा दी आग, मुकदमा दर्ज
मुख्य सचिव ने कहा, सरकार उन गांवों को पुरस्कृत करेगी, जहां ग्रामीणों ने अपने गांवों को जंगल की आग से बचाने का काम किया है। वनाग्नि प्रबंधन समिति के तहत भी पुरस्कार की व्यवस्था की गई है।
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। जंगल की आग बुझाने के लिए जहां शासन प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है, वहीं अब शासन ने जंगल में आग लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी कर ली है।
जंगल में जान बूझकर आग लगाने के मामले में पुलिस ने 10 मुकदमे दर्ज किए हैं। इनमें चार लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि छह अज्ञात हैं। वहीं वन विभाग ने 351 मुकदमे दर्ज किए हैं, जिसमें 290 अज्ञात, जबकि 61 नामजद मुकदमे हैं।
पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार के मुताबिक, वन, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीम ऐसे लोगों की पहचान कर रही है। कुछ लोगों की मानसिकता इतनी खराब हो चुकी है कि रील बनाने के लिए जंगल में आग लगा दी। ऐसे एक मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।
मुख्य सचिव ने कहा, सरकार उन गांवों को पुरस्कृत करेगी, जहां ग्रामीणों ने अपने गांवों को जंगल की आग से बचाने का काम किया है। वनाग्नि प्रबंधन समिति के तहत भी पुरस्कार की व्यवस्था की गई है।
आपको बता दें कि प्रदेश में जंगल की आग बेकाबू हो गई है। गढ़वाल से कुमाऊं तक सोमवार को 20 जगह जंगल धधके, जिससे 52 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र जल गया। गढ़वाल में सबसे अधिक 10 और कुमाऊं में नौ घटनाएं हुई हैं।
जंगलों की आग की राज्य में अब तक 930 घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे 1,196 हेक्टेयर से अधिक जंगल जल चुका है। सबसे अधिक 491 घटनाएं कुमाऊं और 365 घटनाएं गढ़वाल में हुईं, जबकि 74 मामले वन्य जीव क्षेत्र के हैं। बेकाबू हो चुकी आग से अब तक पांच लोगों की मौत और चार लोग झुलस चुके हैं। वन विभाग के अफसरों के मुताबिक, संवेदनशील जिलों में जरूरत पड़ने पर पुलिस, पीएसी, होमगार्ड और पीआरडी के जवानों की भी मदद ली जाएगी।
देहरादून में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि अब जंगल में बार-बार आग लगाने वालों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा। साथ ही वन संपदा को हुए नुकसान की भरपाई भी आग लगाने वालों से की जाएगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि क्लाउड सीडिंग को लेकर आईआईटी रुड़की से बातचीत की जा रही है। वहीं, आग से बचे गांवों को पुरुस्कृत भी किया जाएगा।
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