शुरु हुए ‘बकरी पालन योजना’, सरकार मुफ्त में देगी बकरी
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास कैन्ट रोड़ में पशुपालन विभाग द्वारा संचालित महिला बकरी पालन योजना के शुभारम्भ किया। राज्य सरकार के पशुपालन विभाग तथा सभी महिला लाभार्थियों को योजना के लिए बधाई देते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इस वर्ष यह योजना छोटे स्तर पर आरम्भ की जा रही है
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास कैन्ट रोड़ में पशुपालन विभाग द्वारा संचालित महिला बकरी पालन योजना के शुभारम्भ किया।
राज्य सरकार के पशुपालन विभाग तथा सभी महिला लाभार्थियों को योजना के लिए बधाई देते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इस वर्ष यह योजना छोटे स्तर पर आरम्भ की जा रही है परन्तु अगले वर्ष तक सम्पूर्ण राज्य में योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाएगा।
रावत ने कहा कि इस योजना को लागू करने में कलस्टर अप्रोच को अपनाया जाना चाहिए जिसके अर्न्तगत 3-4 आस-पास के गांव का कलस्टर बनाया जा सकता है। इस योजना को बीमा कवर भी दिया जाएगा। योजना की महिला लाभार्थियों को बकरी के वैज्ञानिक पद्धति से पालन पोषण का प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कालान्तर में लाभार्थियों की बकरियों की संख्या भी बढे़गी जिससे उनके आय के संसाधनों में वृद्धि होगी।
गौरतलब है कि महिला बकरी पालन योजना के अर्न्तगत राज्य की निराश्रित, परित्यकता, विधवा, निर्धन व मुसीबत में घिरी महिलाओं को 3 मादा व 1 नर बकरी उपलब्ध करवाई जाएगी। जिनकी कीमत लगभग 35 हजार रूपये है। आरम्भ में यह योजना राज्य के पांच जिलों में आरम्भ की जाएगी।
उत्तराखण्ड सरकार द्वारा इस योजना को गाय-गंगा योजना के तर्ज पर लागू की जाएगी। वर्तमान में 1000 रूपये की सहायता राशि प्रति यूनिट दिया जाएगा जिसे अगले वर्ष बढ़ाया जाएगा।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि घूमन्तू बकरी पालकों को योजना का लाभ उठाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उन्हें मोबाइल शौचालय, टैन्ट आदि सुविधाएं भी प्रदान की जाएगी। रावत ने कहा कि बकरियों की रक्षा हेतु लाभार्थियों को कुते पालन हेतु अनुदान भी प्रदान किया जा सकता है।
राज्य में जैविक मीट उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु लाभार्थियों को बकरी पालन में रसायनों को कम से कम प्रयोग करने हेतु प्रोत्साहित करना होगा। बकरियों की बीमारियों का आर्युवेदिक दवाओं द्वारा उपचार को बढ़ावा देना होगा। डेंगू जैसी बीमारियों के बढ़ने से बकरी के दूध की मांग भी बढे़गी।
उन्होंने कहा कि यह योजना एक अच्छी शुरूआत है। राज्य सरकार महिलाओं को आश्वस्त करती है कि उनकों इस योजना हेतु पूर्ण सहयोगी दिया जाएगा। यह शुरूआर उत्तराखण्ड की पहचान बने ऐसी आशा है। उन्होंने लाभार्थियों से बकरी पालन योजना के अर्न्तगत बकरियों के वैज्ञानिक ढंग से पालन पोषण की अपील की। रावत ने कहा कि आशा है कि जिस भाव से योजना प्रारम्भ की गई है यह उसी भाव से सफल सिद्ध होगी। उन्होंने खाली भूमि पर चारागाह विकसित करने पर बल दिया।
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