उत्तराखंड वालों! फिर मत कहना बताया नहीं, जल्दी कर लो ये इंतजाम
प्रशांत महासागर में ला-नीना के प्रभाव के चलते उत्तर भारत सहित उत्तरपूर्व एशिया में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। डॉ. आरके सिंह ने बताया कि ला-नीना की स्थिति एक से दो माह रहती है, जिसमें ग्लोबल फैमिना के चलते समुद्री पानी ठंडा हो जाता है। इस स्थिति में जब अमेरिका में समुद्री पानी गर्म होगा, तब भारत में समुद्री पानी ठंडा हो जाता है और उससे आने वाली हवाएं ठंडी हो जाती हैं।
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) अगर आपको सर्दियां पसंद नहीं हैं तो इस बार अच्छे से गर्म कपड़ों का इंतजाम कर लीजिए। जी हां, इस बार की सर्दियां आपके होश उड़ाने वाली हैं। इस बार बीते साल की अपेक्षा कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इस साल पूरे उत्तर भारत सहित उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। इस बीच पारा सामान्य से तीन डिग्री तक नीचे गिर सकता है।
पंतनगर स्थित गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि मानसून की विदाई के साथ ही अब देश के उत्तरी इलाकों में ठंड बढ़नी शुरू हो गई है।
प्रशांत महासागर में ला-नीना के प्रभाव के चलते उत्तर भारत सहित उत्तरपूर्व एशिया में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। डॉ. आरके सिंह ने बताया कि ला-नीना की स्थिति एक से दो माह रहती है, जिसमें ग्लोबल फैमिना के चलते समुद्री पानी ठंडा हो जाता है। इस स्थिति में जब अमेरिका में समुद्री पानी गर्म होगा, तब भारत में समुद्री पानी ठंडा हो जाता है और उससे आने वाली हवाएं ठंडी हो जाती हैं। इसी प्रकार जब अल-नीनो होता है तब समुद्री पानी गर्म हो जाता है और उससे हवाएं गर्म आती हैं। जिससे बारिश नहीं होती और सूखे की स्थिति बनती है।
मतलब साफ है कि इस बार कि सर्दियों आपको जमकर कंपकपाएगी, ऐसे में अभी से ही सर्दियों से बचने का इंतजाम कर लीजिए, फिर मत कहना कि बताया नहीं।
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