केजरीवाल को नहीं मिल रही सिंगापुर जाने की परमिशन! जानिए क्या हैं विदेश जाने के नियम ?

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केजरीवाल को नहीं मिल रही सिंगापुर जाने की परमिशन! जानिए क्या हैं विदेश जाने के नियम ?

Arvind

आईए जानते बताते हैं कि किसी सरकारी पद पर बैठे व्यक्ति को विदेश जाने के लिए क्या इजाजत की जरूरत है? आपको बता दें कि हर सरकारी पद पर बैठे व्यक्ति को विदेश यात्रा पर जाने के लिए मंजूरी लेनी होती है, चाहे वो यात्रा आधिकारिक हो या निजी।


 

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा को लेकर घामासाम मचा हुआ है।आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने नोटिस देते हुए इस पर सरकार से जवाब की मांग की है।

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री केजरीवाल को अगस्त में सिंगापुर में होने वाले वर्ल्ड सिटीज समिट में हिस्सा लेने जाना है। सीएम केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सिंगापुर यात्रा पर जाने की इजाजत देने की फाइल भेजी थी। बताया जा रहा है कि एलजी ने इस फाइल को मंजूर करने से मना कर दिया है। इसके बाद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा था कि उन्हें सिंगापुर न जाने देना गलत है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा मैं अपराधी नहीं हूं, मैं मुख्यमंत्री हूं और इस देश का स्वतंत्र नागरिक, मुझे सिंगापुर जाने से रोकने की कोई कानूनी वजह नहीं हो सकती, इसलिए ऐसा लग रहा है कि राजनीतिक कारणों से रोका जा रहा है। ध्यान रहे कि इससे पहले अक्टूबर 2019 में केजरीवाल को डेनमार्क जाने की इजाजत नहीं मिली थी। उन्हें वहां एक समिट में जाना था। विदेश मंत्रालय से अनुमति नहीं मिलने के बाद केजरीवाल ने उस समिट को ऑनलाइन संबोधित किया था।

आईए जानते बताते हैं कि किसी सरकारी पद पर बैठे व्यक्ति को विदेश जाने के लिए क्या इजाजत की जरूरत है? आपको बता दें कि हर सरकारी पद पर बैठे व्यक्ति को विदेश यात्रा पर जाने के लिए मंजूरी लेनी होती है, चाहे वो यात्रा आधिकारिक हो या निजी।

हर राज्य के मुख्यमंत्री, वहां के मंत्री, विधायक, लोकसभा-राज्यसभा सांसद, केंद्र सरकार के अधिकारी, दूसरे ब्यूरोक्रेट्स को विदेश यात्रा पर जाने के लिए विदेश मंत्रालय की मंजूरी लेनी होती है।

जानिए क्या है नियम?

केंद्रीय सचिवालय ने 26 अगस्त 2010 को एक गाइडलाइन जारी की थी। ये गाइडलाइन केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यों के मंत्रियों की विदेश यात्रा से जुड़ी थी। इसके मुताबिक, केंद्रीय मंत्री को विदेश यात्रा पर जाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की मंजूरी लेनी होगी।

अगर किसी कॉन्फ्रेंस में जाना है, तो विदेश मंत्रालय की इजाजत लेनी होगी। अगर केंद्रीय मंत्री निजी विदेश यात्रा पर जा रहे हैं, तो उन्हें विदेश मंत्रालय से मंजूरी लेने के साथ-साथ FCRA क्लियरेंस भी लेना होता है। अगर चालू संसद सत्र के दौरान निजी यात्रा करनी है तो प्रधानमंत्री कार्यालय से इजाजत लेनी होगी। हर राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यों के मंत्रियों को विदेश यात्रा पर जाने से पहले विदेश मंत्रालय की मंजूरी लेनी होती है।

2015 से पहले मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को विदेश यात्रा पर जाने से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय की मंजूरी लेनी होती थी। 6 मई 2015 को 2010 की गाइडलाइंस में संशोधन किया गया। इसके बाद अगर राज्यों के मुख्यमंत्री या मंत्री आधिकारिक या निजी विदेश यात्रा पर जाते हैं, तो उन्हें केंद्रीय सचिवालय और विदेश मंत्रालय को बताना होगा और मंजूरी लेनी होगी। इसके लिए FCRA क्लियरेंस भी जरूरी है।

राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यों के मंत्री और राज्यों के अधिकारियों को विदेश यात्रा के लिए विदेश मंत्रालय के साथ-साथ आर्थिक मामलों के मंत्रालय से भी मंजूरी लेनी होती है। केंद्रीय मंत्रियों को विदेश मंत्रालय से पॉलिटिकल क्लियरेंस मिलता है। लोकसभा सांसद स्पीकर से और राज्यसभा सांसद सभापति से मंजूरी लेते हैं। केंद्रीय मंत्रालयों में काम करने वाले अधिकारियों को अपने मंत्रालय से भी मंजूरी लेनी होती है।

अगर केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यों के मंत्री या अधिकारी किसी ऐसी विदेश यात्रा पर जाते हैं, जिसमें ठहरने और बाकी दूसरी व्यवस्था का खर्च कोई निजी संस्था या दूसरी संस्था उठाती है, तो इसके लिए FCRA क्लियरेंस लेना होगा। हालांकि, अगर ये खर्च संयुक्त राष्ट्र उठाता है तो इसकी जरूरत नहीं है।

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