INS विक्रांत के निर्माण में संध्या परिहार ने निभाई भूमिका, तीन साल किया काम

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INS विक्रांत के निर्माण में संध्या परिहार ने निभाई भूमिका, तीन साल किया काम

sandhya parihar

INS विक्रांत के भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होने के साथ ही जहां एक ओर देश युद्धपोत निर्माण में आत्मनिर्भर बनने की कामयाबी में खुश है।


 

बालाघाट (उत्तराखंड पोस्ट) INS विक्रांत के भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होने के साथ ही जहां एक ओर देश युद्धपोत निर्माण में आत्मनिर्भर बनने की कामयाबी में खुश है वहीं दूसरी ओर इसने नौसेना की ताकत को कई गुना बढ़ा दिया है।

मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले की एक बेटी ने आईएनएस विक्रांत के निर्माण में अहम भूमिका निभाई है। भारतीय नौ सेना में  सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्य कर संध्या परिहार ने भारतीय सेना को INS विक्रांत के सपने को साकार करने में अपना योगदान दिया है।

बालाघाट के विवेकानंद कॉलेज से कम्प्यूटर साईंस में एमएससी करने के बाद संध्या परिहार ने  प्रशिक्षण के दौरान बतौर ट्रेनी विशाखापट्टनम में आईएनएस के निर्माण के दौरान तीन साल डीआरडीओ के वैज्ञानिको के मार्गदर्शन में आईएनएस विक्रांत के निर्माण में सहयोग किया।

संध्या परिहार धुवारे का कहना है कि यहां डीआरडीओ के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में हमारी पूरी 9 लोगों की टीम थी। जिसमें वह अकेली युवती थी। बता दें कि साल 2012 से 2014 तक संध्या ने बतौर ट्रेनी डीआरडीओ वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में आईएनएस विक्रांत के निर्माण में कार्य किया। जिसके बाद संध्या परिहार ने कृषि मंत्रालय के आईसीआर में भी अपनी सेवाएं दी हैं।

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