कब बढ़ने वाले हैं पेट्रोल-डीजल के दाम ? आ गया सरकार का बड़ा बयान
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है और 10 मार्च को चुनावी नतीजे सामने आएंगे। इसके साथ ही इस दौरान थमी हुई पेट्रोल - डीजल की कीमतों को लेकर चर्चा गर्म है कि जल्द पेट्रोल और डीजल के दान बढ़ने वाले हैं।
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है और 10 मार्च को चुनावी नतीजे सामने आएंगे। इसके साथ ही इस दौरान थमी हुई पेट्रोल - डीजल की कीमतों को लेकर चर्चा गर्म है कि जल्द पेट्रोल और डीजल के दान बढ़ने वाले हैं।
चुनाव के बाद डीजल-पेट्रोल की कीमतें बढ़ने के कयासों पर मंगलवार को सरकार की ओर से ताजी प्रतिक्रिया आई। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस बात को लेकर विपक्षी पार्टियों के तंज पर जवाब जवाब देते हुए याद दिलाया कि कांग्रेस के समय में कैसे पेट्रोलियम की कीमतों को डीरेग्यूलेट कर दिया गया था। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि तेल कंपनियं इस बारे में जल्द निर्णय लेने वाली हैं। केंद्रीय मंत्री ने इशारों-इशारों में जता दिया कि तेल कंपनियां जल्दी ही इस बारे में ऐलान कर सकती हैं। मंत्री ने वैश्विक घटनाक्रमों का हवाला देते हुए कहा कि यूक्रेन और रूस में जो हो रहा है, देखिए कि ग्लोबल सिचुएशन क्या है। ऐसे में तेल कंपनियां तो निर्णय लेंगी।यह कहना अनइंटेलीजेंट है कि चुनावों के कारण दाम नहीं बढ़ रहे हैं। हम बस इस बात का भरोसा दे सकते हैं कि हमारी एनर्जी की जरूरतें पूरी होती रहेंगी।
पेट्रोलियम मंत्री ने बिना नाम लिए राहुल गांधी पर कहा कि एक यंग लीडर लोगों से लगातार कह रहे हैं कि टंकियां भरवा लें, क्योंकि डीजल-पेट्रोल सिर्फ चुनाव तक सस्ते हैं। पुरी ने कहा- गंभीरता से कहूं तो जब कांग्रेस सत्ता में थी, उन्होंने पेट्रोलियम की कीमतों को डीरेग्यूलेट कर दिया था। हमने तो पिछले साल नवंबर में सेंट्रल एक्साइज को भी कम किया था।
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में इस बारे में ट्वीट कर कहा कि फटाफट पेट्रोल टैंक फुल करवा लीजिए। मोदी सरकार का चुनावी ऑफर खत्म होने जा रहा है। इसके बाद हरदीप पुरी से जब पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर सवाल किया गया तो उन्होंने इसका जवाब दिया। आपको बता दें कि कई दिनों से पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर हैं, ऐसे में चर्चाएं हैं कि अब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म हो गए हैं तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं।
आपको बता दें कि पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है कि चुनाव के समय कीमतें कुछ दिन तक नहीं बढ़ीं, लेकिन जैसे ही चुनाव निपटे, कीमतें बढ़ने लग गईं। साल 2019 में जब लोकसभा चुनाव हो रहे थे, तब भी यह ट्रेंड देखने को मिला था। इसी तरह 2017 की शुरुआत में करीब ढाई महीने दाम नहीं बढ़े थे। तब भी इन्हीं पांच राज्यों के चुनाव हो रहे थे, जहां इस बार हो रहे हैं। चुनाव के चलते 16 जनवरी से 01 अप्रैल 2017 तक डीजल-पेट्रोल के दाम स्थिर रहे थे। इसी तरह साल 2017 में ही गुजरात विधानसभा के दौरान करीब 14 दिन तक इनके दाम नहीं बढ़ाए गए थे। साल 2018 के मई में जब कर्नाटक में चुनाव हो रहे थे, डीजल और पेट्रोल के दाम 19 दिन तक नहीं बढ़े थे।
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