आखिर कहां रुका है मानसून, कब बरसेंगे झमाझम बदरा, जानिए सब कुछ
मानसून का इंतजार कर रहे लोगों के लिए मानसून वाली खबर थोड़ी निराश करने वाली है, मतलब भीषण गर्मी में मॉनसून का इंतजार थोड़ा और लंबा हो सकता है। इसकी वजह यह है कि पिछले चार दिनों से मॉनसून ठिठका हुआ है।
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) आसमान से बरसती आग अब असहनीय होती जा रही है। भीषण गर्मी से जूझ रहे उत्तर भारत के लोगों के मन में एक ही सवाल है कि आखिर कब मानसून वाले बदरा बरसेंगे और उन्हें चिलचिलाती गर्मी से राहत मिलेगी।
मानसून का इंतजार कर रहे लोगों के लिए मानसून वाली खबर थोड़ी निराश करने वाली है, मतलब भीषण गर्मी में मॉनसून का इंतजार थोड़ा और लंबा हो सकता है। इसकी वजह यह है कि पिछले चार दिनों से मॉनसून ठिठका हुआ है। मौसम विभाग ने अगले चार-पांच दिनों के बाद ही इसमें प्रगति होने की संभावना व्यक्त की है जबकि 15 जून के आसपास मॉनसून झारखंड, बिहार को कवर करते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में दस्तक दे चुका होता है।
मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर की तरफ से मॉनसून प्रगति कर रहा है तथा महाराष्ट्र के ज्यादातर हिस्सों को उसने कवर भी कर लिया है। जबकि बंगाल की खाड़ी की तरफ वाले हिस्से में मॉनसून ने पूर्वोत्तर को तो समय से पहले ही कवर कर लिया था, लेकिन उसके बाद से ही यह पूर्वोत्तर में ही सक्रिय है तथा आगे नहीं बढ़ पाया है। नतीजा यह है कि ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल के ज्यादातर हिस्सों, बिहार आदि में मॉनसून दस्तक नहीं दे पाया है। इन राज्यों में भी अब मॉनसून के आगमन में विलंब होता दिख रहा है।
इस बीच मौसम विभाग ने कहा कि अगले चार पांच दिनों में मॉनसून के सक्रिय होने की संभावना है। पश्चिम बंगाल और बिहार के कुछ हिस्सों में मॉनसून सक्रिय हो सकता है। वाराणसी में मॉनसून के पहुंचने की सामान्य तिथि 20 जून है। लेकिन इस बार इसमें देरी की आशंका लग रही है।
वहीं मौसम विभाग ने उत्तर भारत में हीट वेव के जारी रहने की भी आशंका व्यक्त की है। विभाग ने कहा कि हीट वेव का मौजूदा दौर अगले 4-5 दिनों तक जारी रह सकता है। विभाग ने कहा कि उत्तर-पश्चिमी राज्यों में दिन के साथ-साथ रात के तापमान में भी बढोत्तरी का रुझान देखा गया है जो अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकता है।
बिहारवासियों के लिए राहत भरी खबर है। राज्य में 17-18 जून को मॉनसून दस्तक देगा। प्रदेश में मॉनसून के प्रसार की अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं। कुछ जगहों पर पछुआ का प्रसार कम हुआ है और पुरवा ने अपने पांव पसारे हैं। इसी वजह से लोग पसीने वाली गर्मी से दो-चार हो रहे हैं। शाम को तेज हवा थोड़ी राहत दे रही है। यह मौसम मॉनसून के आगमन के संकेत हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले 3-4 दिनों के दौरान मॉनसून महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश और उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों के कुछ हिस्सों, उप- हिमालयी पश्चिम बंगाल के शेष हिस्सों और बिहार के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बन रही हैं।
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