उत्तराखंड के अलावा देश-दुनिया में कहीं भी केदारनाथ धाम नहीं हो सकता- धामी

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उत्तराखंड के अलावा देश-दुनिया में कहीं भी केदारनाथ धाम नहीं हो सकता- धामी

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धामी ने कहा- बाबा केदार हम सबकी आस्था के प्रतीक हैं। उत्तराखंड के अलावा देश-दुनिया में कहीं भी केदारनाथ धाम नहीं हो सकता है। आशुतोष भगवान शिव के समस्त रूपों की पूजा का अधिकार सभी को है, इसलिए प्रभु के किसी भी नाम को लेकर कोई मंदिर बन जाए तो उससे धाम की महिमा पर कोई असर नहीं पड़ सकता, फिर भी चूंकि यह आस्था का मामला है, इसलिए बीकेटीसी से संबंधित लोगों से वार्ता कर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है।


 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) दिल्ली में केदारनाथ मंदिर, सुनकर चौंक गए न, लेकिन  ये सच है। दिल्ली में अब केदारनाथ प्रतीकात्मक मंदिर निर्माण का काम शुरु हो गया है और साथ ही इसका पुरजोर विरोध भी।

दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के भूमि पूजन के बाद से ही उत्तराखंड के तीर्थपुरोहितों, हक-हकूकधारी, साधु-संतों और जनप्रतिनिधियों में आक्रोश बना हुआ है। मंदिर निर्माण को लेकर केदारनाथ धाम में जहां तीर्थ पुरोहित विरोध प्रदर्शन कर धामी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं तो अन्य साधु संत भी खुलकर इसके विरोध में आ गए हैं।

 

केदारनाथ धाम मंदिर परिसर में प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी के साथ कहा कि दिल्ली में जिस किसी के द्वारा भी केदारनाथ मंदिर का प्रतीकात्मक निर्माण किया जा रहा है, वह सनातन धर्म का सीधा विरोध है। कहा कि सदियों से बाबा केदार के दर्शनों के लिए देश-विदेश के श्रद्धालु हिमालय क्षेत्र में पहुंच रहे हैं।

मुख्यमत्री धामी का आया बयान

मुख्यमंत्री धामी 10 जुलाई को दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए थे, अब इस पर विवाद बढ़ने पर मुख्यमंत्री का बयान सामने आया है। धामी ने कहा- बाबा केदार हम सबकी आस्था के प्रतीक हैं। उत्तराखंड के अलावा देश-दुनिया में कहीं भी केदारनाथ धाम नहीं हो सकता है। आशुतोष भगवान शिव के समस्त रूपों की पूजा का अधिकार सभी को है, इसलिए प्रभु के किसी भी नाम को लेकर कोई मंदिर बन जाए तो उससे धाम की महिमा पर कोई असर नहीं पड़ सकता, फिर भी चूंकि यह आस्था का मामला है, इसलिए बीकेटीसी से संबंधित लोगों से वार्ता कर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है।

विरोध में उतरे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी इस पर नाराजगी जताते हुए केदारनाथ धाम ट्रस्ट और उत्तराखंड राज्य सरकार से सवाल किया है। उन्होंने कहा है कि आखिर क्यों केदारनाथ धाम के नाम से राजधानी दिल्ली में मंदिर बनाने की जरूरत पड़ रही है। उन्होंने केदारनाथ धाम की गरिमा और महत्व को कम करने का कुत्सित प्रयास बताया।

शंकराचार्य ने कहा कि मध्य हिमालय स्थित केदारनाथ बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसको पुराण में हिमालय तू केदारम कहा गया है। केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग सतयुग का ज्योतिर्लिंग कहा गया है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम के अस्तित्व और महत्व को कम करने की किसी भी योजना को सफल नहीं होने दिया जाएगा।

शंकराचार्य जी ने कहां कि एक निजी ट्रस्ट के द्वारा केदारनाथ धाम नाम से मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एवं विधायकों का उपस्थित रहना उचित नहीं है। इसमें उत्तराखंड राज्य सरकार को भी विचार करना चाहिए।

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि केदारनाथ धाम नाम से कहीं भी मंदिर की स्थापना नहीं की जा सकती है। यदि वे मंदिर की स्थापना ही करना चाहते हैं तो किसी अन्य नाम से मंदिर स्थापित कर सकते हैं। इसपर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने संबंधित लोगों को जन भावनाओं का आदर करते हुए इस तरह का कृत्य नहीं करने की सलाह दी

वहीं दिल्ली में बनने वाले केदारनाथ मंदिर का विरोध तेज हुआ तो श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट बुराड़ी के अध्यक्ष सुरिंदर रौतेला ने कहा कि दिल्ली में जो मंदिर बनने जा रहा है, वह मंदिर बन रहा है, ना कि धाम बन रहा है। श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट, दिल्ली इसका निर्माण कर रहा है, उत्तराखंड सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हमारे अनुरोध पर भूमिपूजन के लिए यहां आए थे, इसका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है, वे हमारे निजी अनुरोध पर यहां आए थे। हमारे ट्रस्ट का भी सरकार से कोई लेना-देना नहीं है, यह ट्रस्ट के सदस्यों के सहयोग से काम कर रहा है। भारत में कई मंदिर प्रसिद्ध मंदिरों पर आधारित हैं। इस पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए, कुछ नेता अपने राजनीतिक लाभ के लिए विवाद पैदा कर रहे हैं।

10 जुलाई को CM धामी ने किया भूमि पूजन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 10 जुलाई को दिल्ली स्थित बुराड़ी, हिरंकी में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए श्री केदारनाथ मंदिर का भूमि-पूजन कर मंदिर का शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में बाबा केदार के मंदिर के निर्माण से सभी शिव भक्तों की मनोकामना पूर्ण होगी। बुराड़ी क्षेत्र का जिक्र हमारे पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। इस क्षेत्र का संबद्ध महाभारत काल से भी है। बुराड़ी की पावन धरती में उत्तराखण्ड और सनातन संस्कृति के मूल परिचायक बाबा केदारनाथ जी का धाम हमारी संस्कृति और आस्था का आधुनिक प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा कि इस मंदिर से शिव भक्तों और सनातन संस्कृति की आस्था को बल मिलेगा। यह मंदिर श्रद्धा को जीवन, मानव को महादेव, समाज को अध्यात्म, और वर्तमान पीढ़ी को प्राचीन संस्कृति से जोड़ने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा बुराड़ी क्षेत्र में बन रहे केदारनाथ धाम पूरी मानवता को प्रेरणा देने का काम करेगा।

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