बाटला हाउस एनकाउंटर केस में दोषी आरिज को मौत की सजा

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बाटला हाउस एनकाउंटर केस में दोषी आरिज को मौत की सजा

बाटला हाउस एनकाउंटर केस में दोषी आरिज को मौत की सजा

बटला एनकाउंटर केस में आरिज खान को फांसी की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस माना है। आरिज खान को कोर्ट ने 8 मार्च को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने 8 मार्च को अपने फैसले में कहा था कि एनकाउंटर के वक्‍त आरिज खान मौके पर ही था और वो पुलिस की पकड़ से भाग निकला था।


नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) बटला हाउस  एनकाउंटर केस में आरिज खान को फांसी की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस माना है। आरिज खान को कोर्ट ने 8 मार्च को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने 8 मार्च को अपने फैसले में कहा था कि एनकाउंटर के वक्‍त आरिज खान मौके पर ही था और वो पुलिस की पकड़ से भाग निकला था।

अदालत ने कहा कि उसने भागने से पहले पुलिसवालों पर फायरिंग की थी। कोर्ट ने कहा कि बाटला हाउस एनकाउंटर में पुलिस टीम के चीफ इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा पर भी आरिज ने गोलियां चलाई थीं, जिससे उनकी जान चली गई। दिल्ली पुलिस ने अदालत से आरिज खान को फांसी की सजा दिए जाने का मांग की थी। दिल्ली पुलिस का पक्ष रख रहे सीनियर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर एटी अंसारी ने कहा था कि कानून का अनुपालन करवाने वाले अधिकारी जो न्याय का संरक्षक था, उनकी हत्या की गई है। वो अपनी ड्यूटी पर थे। इसलिए मामले में कड़ा कदम उठाने की दरकार है।

कोर्ट ने कहा कि आरिज खान को आईपीसी की धारा 186, 333, 353, 302, 307, 174A, 34 के तहत दोषी पाया गया है। उसे आर्म्‍स ऐक्‍ट की धारा 27 के तहत भी दोषी करार दिया गया है। बता दें कि साल 2008 में दिल्ली-जयपुर-अहमदाबाद और यूपी की अदालतों में हुए धमाके का मुख्य साजिशकर्ताओं में आरिज का नाम था। इन सभी धमाकों में कुल 165 लोगों की जान गई थी, जबकि 535 लोग घायल हुए थे। धमाकों के बाद तब आरिज पर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था और इसके खिलाफ इंटरपोल के जरिए रेड कॉर्नर नोटिस निकला हुआ था। आजमगढ़ के रहने आरिज खान उर्फ जुनैद को स्पेशल सेल की टीम ने फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया।

गौरतलब है कि बटला हाउस एनकाउंटर 19 सितंबर 2008 की सुबह हुआ था। तब स्पेशल सेल को एक सूचना मिली थी कि इंडियन मुजाहिद्दीन के कुछ आतंकी बटला हाउस इलाके के एक मकान में छिपे हुए हैं। इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा समेत कई पुलिस अधिकारी उस वक्त मौके पर पहुंचे और आतंकियों को घेरने का प्लान बनाया। तब आतंकियों के साथ बाटला हाउस के मकान नंबर L-18 में मुठभेड़ हुई, दो आतंकी मारे गए। जबकि इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे।

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