सरहद पर शहीद हुए कैप्टन आशुतोष, IMA देहरादून से 2018 में हुए थे पास आउट

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सरहद पर शहीद हुए कैप्टन आशुतोष, IMA देहरादून से 2018 में हुए थे पास आउट

सरहद पर शहीद हुए कैप्टन आशुतोष, IMA देहरादून से 2018 में हुए थे पास आउट

जम्मू-कश्मीर का कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में एलओसी पर आतंकवादियों ने घुसपैठ की कोशिश की। सेना ने इसका जवाब देते हुए तीन आतंकवादियों को भारतीय सेना ने मार गिराया। हालांकि BSF का एक कॉन्स्टेबल और सेना के तीन जवान शहीद हो गए। शहीद जवान आर्मी के कैप्टन आशुतोष कुमार भी शहीद हो गए।


मधेपुरा (उत्तराखंड पोस्ट) जम्मू-कश्मीर का कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में एलओसी पर आतंकवादियों ने घुसपैठ की कोशिश की। सेना ने इसका जवाब देते हुए तीन आतंकवादियों को भारतीय सेना ने मार गिराया। हालांकि BSF का एक कॉन्स्टेबल और सेना के तीन जवान शहीद हो गए। शहीद जवान आर्मी के कैप्टन आशुतोष कुमार भी शहीद हो गए।

शहीद कैप्टन आशुतोष कुमार मधेपुरा के घैलाढ़ प्रखंड के भतरंथा परमानपुर पंचायत के रहने वाले थे। उनके पिता रवींद्र यादव पशु अस्पताल में कार्यरत हैं। वह अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र थे। माता गीता देवी गृहणी हैं। उनकी दो बहने हैं, जिनका नाम खुशबू कुमारी और अंशू कुमारी  है।

भारतीय सेना के मुताबिक, 7 और 8 नवंबर की रात एक बजे माछिल सेक्टर में गश्त के दौरान LOC के पास घुसपैठियों की हलचल देखी गई थी। सेना ने घुसपैठियों को रोकने के लिए एक बड़ा ऑपरेशन शुरू किया। उन्होंने घुसपैठियों को रोकने की कोशिश की तो उनकी तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई। ऑपरेशन के दौरान सेना ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया है।

कैप्टन आशुतोष की शहादत की खबर मिलते ही उनके गांव में शोक का माहौल है। शहीद के स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रमीणों ने बताया कि आशुतोष मिलनसार थे। वह पढऩे के दौरान काफी मेधावी थे। गांव आने पर वह नौजवानों को सेना में जाने के लिए काफी प्रेरित करते थे। वह युवाओं को सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने के लिए हमेशा प्रोत्साहित करते थे। उनके निधन से आसपास के गांवों में युवा भी गमगीन हैं।

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