कोरोना का कोहराम, 24वें जन्मदिन पर जुड़वां भाइयों की मौत, परिवार में पसरा मातम

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कोरोना का कोहराम, 24वें जन्मदिन पर जुड़वां भाइयों की मौत, परिवार में पसरा मातम

कोरोना का कोहराम, 24वें जन्मदिन पर जुड़वां भाइयों की मौत, परिवार में पसरा मातम

कोरोना काल में कई तरह की दिल तोड़ देने वाली खबर सामने आती रही है। अब मेरठ से एक खबर सामने आयी है, यहां जुड़वां भाइयों की मौत हो गयी है।


मेरठ (उत्तराखंड पोस्ट) भारत में कोरोना का कहर के बीच आज राहत देने वाली खबर सामने आयी है। देश में बीते 24 घंटे में कोरोना की रफ्तार कम हुई है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2,63,533 नए मामले सामने आए हैं जबकि 4329 मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।

कोरोना काल में कई तरह की दिल तोड़ देने वाली खबर सामने आती रही है। अब मेरठ से एक खबर सामने आयी है, यहां जुड़वां भाइयों की मौत हो गयी है। मेरठ के छावनी क्षेत्र के निवासी, परिवार ने शुरू में भाइयों का घर पर इलाज किया, यह सोचकर कि बुखार कम हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जुड़वा बच्चों को 1 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी पहली रिपोर्ट में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। कुछ दिनों बाद उनकी दूसरी आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी। डॉक्टर उन्हें कोविड वार्ड से आईसीयू में ले जाने की योजना बना रहे थे।

ग्रेगरी रेमंड राफेल ने बताया 23 अप्रैल, 1997 को उनकी पत्नी सोजा ने जुड़वां बेटों को जन्म दिया। रेमंड अस्पताल से अपनी पत्नी और जुड़वां बेटों को खुशी से घर ले गए। वह 23 अप्रैल को अपनी जिंदगी का सबसे खुशी का दिन मानते थे। इस दिन के ठीक 24 साल बाद 24 अप्रैल को उनके दोनों बेटे बीमार पड़े और दोनों की 13 और 14 मई को मौत हो गई।

रेमंड ने बताया कि उनके जुड़वां बेटे जोफ्रेड वर्गीज ग्रेगरी और राल्फ्रेड जॉर्ज ग्रेगरी ने अपना 24वां जन्मदिन मनाया था। उन्होंने बताया कि साथ में जन्म लेने के बाद हमेशा दोनों ने एक साथ हर काम किया। एक साथ सोते, खाते, खेलते, पढ़ाई और यहां तक कि दोनों ने कंप्यूटर इंजिनियरिंग भी साथ करके हैदराबाद में नौकरी भी एक साथ की। उन्हें नहीं बता था कि दोनों एक साथ बीमार होंगे और एक साथ ही इस दुनिया से विदा भी होंगे।

रेमंड ने बताया कि 24 अप्रैल को दोनों बेटों की तबीयत खराब हुई। उन्हें कोरोना वायरस हुआ था। उन्हें दिल के कोने में यह डर था कि अगर कहीं किसी एक को कुछ हो गया था वह दूसरे को क्या जवाब देंगे। वहीं एक दूसरा डर यह भी था कि पैदा होने से लेकर 24वें. जन्मदिन तक उन्होंने कभी भी एक-दूसरे से अलग हटकर कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि वह जानते थे कि दोनों एक साथ ठीक होकर घर जाएंगे या फिर एक को कुछ हुआ तो दूसरा भी नहीं बचेगा।

राफेल ने बताया कि पहले जोफ्रेड की मौत हुई। जब इसकी खबर सोजा को हुई तो उसके मुंह से बस यही निकला कि अब राल्फ्रेड भी नहीं बचेगा। यही हुआ, कुछ घंटों बाद राल्फ्रेड के मरने की खबर भी आई। उन्होंने कहा,'वे हमें एक बेहतर जिंदगी देना चाहते थे। हम लोगों ने टिचिंग करके बच्चों को पाला-पोसा। बहुत संघर्ष किया। दोनों ने हैदराबाद से कोरिया और फिर जर्मनी जाने की योजना बना रहे थे। मुझे नहीं पता कि भगवान ने हमें इस तरह सजा क्यों दी।'

राल्फ्रेड ने अपना आखिरी फोन अपनी मां को किया था। उसने उससे कहा कि वह ठीक हो रहा है और जोफ्रेड के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की। तब तक जोफ्रेड की मौत हो चुकी थी। घरवालों ने उसे नहीं बताया कि वह मर चुका है। उन लोगों ने कहा कि जोफ्रेड को दिल्ली के अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है लेकिन राल्फ्रेड ने अपनी मां से कहा, 'तुम झूठ बोल रही हो' और फोन काट दिया।

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