जिंदा शख्स का बनाया डेथ सर्टिफिकेट, अंतिम संस्कार के दौरान ऐसे खुला राज

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जिंदा शख्स का बनाया डेथ सर्टिफिकेट, अंतिम संस्कार के दौरान ऐसे खुला राज

जिंदा शख्स का बनाया डेथ सर्टिफिकेट, अंतिम संस्कार के दौरान ऐसे खुला राज

एक परिवार उस वक्त अवाक रह गया, जब उसने मृत शख्स का आखिरी बार चेहरा देखने की कोशिश की। पीपीई किट में लिपटा शव उस शख्स का था ही नहीं, जिसका वो अंतिम संस्कार करने पहुंचे थे।


पटना (उत्तराखंड पोस्ट) देश में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना से मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच एक बहुत ही हैरान करने वाली खबर सामने आई है बिहार से।

पटना में एक परिवार उस वक्त अवाक रह गया, जब उसने मृत शख्स का आखिरी बार चेहरा देखने की कोशिश की। पीपीई किट में लिपटा शव उस शख्स का था ही नहीं, जिसका वो अंतिम संस्कार करने पहुंचे थे।

दरअसल मामला पटना के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच का है, जहां कोरोना से सबसे बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है। यहां कोरोना के खिलाफ लड़ाई कम, लापरवाही ज्यादा देखने को मिल रही है। लापरवाही इस कधर की जीवित व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट बनाया जा रहा है और परिजन को शव भी सौंप दिया जा रहा है, वह तो गनीमत है कि दाह संस्कार के समय राज खुल गया।

आखिर हुआ क्या ?

पटना जिले के बाढ़ के मोहमदपुर के रहने वाले चुन्नू कुमार का दिसम्बर 2020 में पैर टूट गया था> उसके बाद से वो अपने घर में इलाज करवा रहे थे। 9 अप्रैल को उनकी घर पर तबीयत बिगड़ी, उसके बाद उन्हें पटना के पीएमसीएच लाया गया। डॉक्टर ने ब्रेन हेमरेज होने की बात कही थी, फिर परिजनों ने 9 अप्रैल को पीएमसीएच में भर्ती कराया।

एडमिट होने के वक्त मरीज का कोरोना टेस्ट कराया गया, जो पॉजिटिव आ गया। उसके बाद मरीज चुन्नू कुमार को कोरोना वार्ड में भर्ती किया गया। डॉक्टरों के द्वारा शनिवार तक सेहत में सुधार की बात भी कही, लेकिन रविवार की सुबह 10 बजे बताया गया कि मरीज की स्थिति खराब हो गई है।

फिर एक घंटे बाद उन्हें मृत बताकर अस्पताल ने आनन-फानन में डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया और शव को पैक कर परिजन को सौंप दिया। इसके बाद बांस घाट पर अंतिम संस्कार की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई। चुन्नू कुमार के बेटे ने मुखाग्नि देने के वक्त अपने पिता का चेहरा देखने की बात कही, फिर कपड़ा हटाया गया तो देखा कि वो उसके पिता नहीं हैं।

आनन-फानन में लाश को फिर पीएमसीएच लाया गया और उस लाश को पोस्टमार्टम रूम में रख दिया गया। चुन्नू के परिजन परेशान हो गए कि उनके मरीज की लाश कहां है? फिर कोरोना वार्ड पहुंचे और जहां पता चला कि चुन्नू सही सलामत हैं। इसके बाद पूरे अस्पताल परिसर में हंगामा मच गया।

पीएमसीएच अधीक्षक आई एस ठाकुर ने कहा कि हमारे अस्पताल प्रबंधन के तरफ से गलती हुई है, इसकी जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त करवाई होगी, जिनका डेथ सर्टिफिकेट बनाया गया है वो व्यक्ति चुन्नू कुमार जिंदा है और ठीक है।

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