टीका लगवाने के बाद भी डॉक्टर हो रहे कोरोना संक्रमित, फिर भी इसलिए जरुरी है वैक्सीन

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टीका लगवाने के बाद भी डॉक्टर हो रहे कोरोना संक्रमित, फिर भी इसलिए जरुरी है वैक्सीन

टीका लगवाने के बाद भी डॉक्टर हो रहे कोरोना संक्रमित, फिर भी इसलिए जरुरी है वैक्सीन

हालांकि वैक्सीनेशन को लेकर लोगों के मन में कई शंकाएं भी हैं। सवाल ये भी है कि क्या वैक्सीन पूरी तरह से असरदार है कि नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बीच कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें वैक्सीन लेने के बाद भी लोगों को कोरोना हो रहा है और इसके सबसे ज्यादा शिकार तो डॉक्टर हो रहे हैं।


नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) देशभर में कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच अब वैक्सीनेशन अभियान भी तेजी से चल रहा है। एक अप्रेल से वैक्सीनेशन के तीसरे फेज में 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है।

हालांकि वैक्सीनेशन को लेकर लोगों के मन में कई शंकाएं भी हैं। सवाल ये भी है कि क्या वैक्सीन पूरी तरह से असरदार है कि नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बीच कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें वैक्सीन लेने के बाद भी लोगों को कोरोना हो रहा है और इसके सबसे ज्यादा शिकार तो डॉक्टर हो रहे हैं। खास बात ये है कि कई डॉक्टर कोरोना वैक्सीन की दो डोज लेने के बाद भी वायरस के संक्रमण से नहीं बच पा रहे हैं।

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज यूनिवर्सिटी (KGMU) के वाइस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी को वैक्सीन की दो डोज़ लेने के 11 दिन बाद दोबारा कोरोना हो गया। इसके बावजूद पुरी का कहना है कि हर किसी को वैक्सीन लेनी चाहिए. पुरी के अलावा यहां के सुप्रिटेंडेट और कम्युनिकेबल डिजीज के स्पेशलिस्ट डॉक्टर हिमांशु भी वैक्सीन की दो डोज़ लेने के बाद कोरोना से संक्रमित हो गए।

संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SGPGIMS) के डायरेक्टर डॉक्टर आरके धीमान और उनकी पत्नी को भी होली से तीन दिन पहले कोरोना हो गया। इन दोनों ने भी वैक्सीन की दो डोज़ ली थीं। हालांकि इसके बावजूद डॉक्टर धीमान लोगों को वैक्सीन लेने की सलाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के बाद आप अस्पताल में भर्ती होने से बच सकते हैं. इसके अलावा इससे मौत की दर भी घट जाती है।

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में 26 से अधिक डॉक्टर टीका लगवाने के बाद भी कोरोना का शिकार हो गए। बिहार शरीफ के डॉक्टर उमेश कुमार और उनकी पत्नी डॉक्टर निर्मला सिंह भी टीका लगवाने के बाद कोरोना पॉजिटिव हो गए। इसके अलावा पटना के पटना मेडिकल कॉलेज के भी कई डॉक्टर कोरोनो पॉजिटिव पाए गए, इन सबने भी कोरोना की वैक्सीन ली थी।

AIIMS के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है- देखिए वैक्सीन लेने के बाद में लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन अगर ऐसे लोग कोरोना की चपेट में आते हैं तो उन पर इस वायरस का असर कम दिखेगा। वो गंभीर रूप से बीमार नहीं होंगे। उनमें हल्के लक्षण हो सकते हैं। उन्हें आईसीयू की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अलावा ऐसे लोगों की मौत होने की आशंका भी कम है।

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