किसानों ने कहा- 4 जनवरी को बात नहीं बनी तो बंद करेंगे पेट्रोल पंप और मॉल
नए कृषि बिलों के खिलाफ आंदोलन करते हुए किसानों को एक महीने स ज्यादा वक्त हो गया है। सरकार और किसानों के बीच अब तक छह दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक तक इस बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। अब किसानों ने सरकार को अब नए सीरे से धमकी दी है।
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करते हुए किसानों को एक महीने स ज्यादा वक्त हो गया है। सरकार और किसानों के बीच अब तक छह दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक तक इस बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। अब किसानों ने सरकार को अब नए सीरे से धमकी दी है।
किसानों ने कहा है कि अगर 4 जनवरी को सरकार से होने वाली बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकलता है तो फिर वो फिर अपने विरोध प्रदर्शन को और तेज़ करेंगे। इसके तहत किसानों ने कहा है कि वो हरियाणा में पेट्रोल पंप और मॉल्स को बंद करवा देंगे।
किसानों की मांग है कि सरकार तीनों नए कृषि कानून को रद्द करे। साथ ही न्यूनतम समर्थन की कानूनी गारंटी दे। बता दें कि दिल्ली की सीमा पर किसान पिछले एक महीने से ज्यादा समय से लगातार आंदोलन कर रहे हैं।
लेकिन तीन नए कृषि कानून को वापस लेने और MSP को कानूनी दर्जा देने के लिए अब तक बात नहीं बनी है। अब 4 जनवरी को एक बार फिर से किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत होगी।
सिंघू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कृषक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार के साथ अब तक हुई बैठकों में किसानों की तरफ से उठाए गए मुद्दों में से सिर्फ पांच प्रतिशत पर चर्चा हुई है। उन्होंने अपनी मुख्य मांगों के पूरा नहीं होने पर कदमों की चेतावनी दी। गणतंत्र दिवस समारोह से कुछ दिन पहले की गयी घोषणा में मुख्य मांगों को पूरा नहीं किए जाने पर कृषक संगठनों ने एक महीने में कई विरोध कार्यक्रमों का जिक्र किया।
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