होटल में बर्तन साफ करते हुए मिला करोड़पति का बेटा, इसलिए छोड़ा घर
वडोदरा (उत्तराखंड पोस्ट) गुजरात के वडोदरा जिले से एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है ।यहां रहने वाले एक करोड़पति परिवार का बेटा हिमाचल प्रदेश में शिमला के एक होटल में बर्तन साफ करते हुए मिला। जानकारी के मुताबिक जिले के पादरा में रहने वाले एक तेल व्यापारी का बेटा द्वारकेश ठक्कर (19) इंजीनियरिंग कालेज में
वडोदरा (उत्तराखंड पोस्ट) गुजरात के वडोदरा जिले से एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है ।यहां रहने वाले एक करोड़पति परिवार का बेटा हिमाचल प्रदेश में शिमला के एक होटल में बर्तन साफ करते हुए मिला।
जानकारी के मुताबिक जिले के पादरा में रहने वाले एक तेल व्यापारी का बेटा द्वारकेश ठक्कर (19) इंजीनियरिंग कालेज में पढ़ाई करता है। 14 अक्टूबर को वह अपने इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए घर से निकला था। कॉलेज जाने के बजाय, युवक रेल द्वारा शिमला पहुंचा और यहाँ एक होटल में काम करने लगा।परिजनों ने काफी खोजबीन के बाद जब द्वारकेश नहीं मिला तो पादरा पुलिस थाने में उसके गुमशुदी रिपोर्ट दर्ज करायी।मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण पुलिस ने जांच शुरू की।
इस बीच पादरा पुलिस थाने में शिमाल के एक होटल मेनेजर का फोन आया। उसने कहा कि उसके होटल में 19 वर्षीय युवक द्वारकेश बर्तन साफ करता है। पादरा पुलिस को पता चल गया कि द्ववारकेश ठक्कर शिमला में है।पादरा पुलिस ने तुरंत ही शिमला में अपने परिवार के साथ छुट्टी मनाने गए एक कांस्टेबल और एक हैड कांस्टेबल से संपर्क किया, जिसके बाद शिमला में छुट्टी मना रहे दोनों पुलिस कर्मचारी युवक की तलाश में निकल पड़े। दोनों होटल मैनेजर के पास पहुंचे
होटल मैनेजर ने उन्हें बताया कि युवक के पहचान पत्र के आधार पर पादरा पुलिस थाने में उसके बारे में जानकारी हासिल करने के लिए फोन किया तब उन्हें पता चला कि द्वारकेश घर छोड़कर भाग गया है। होटल मैनेजर ने कोन्सटेबल गोहिल व महीड़ा के बताया कि द्वारकेश यहां हाइवे पर होटल में बर्तन साफ करता है। पुलिस कर्मचारी हाइवे पर स्थित तमाम होटलों में जांच की और द्वारकेश ठक्कर की तस्वीर देकर कुछ भी पता चले तो उन्हें तुरंत सम्पर्क करने को कहा।
इस बीच सोमवार दोपहर एक रिक्सा चालक ने कोन्सटेबल गोहिल को फोन कर कहा कि एक लड़का हाइवे के किनारे सो रहा है। इसके बाद वे वहां पहुंचे तो हाइवे पर सो रहा युवक द्वारकेश था। पुलिस ने तुरंत ही इसकी सूचना पादरा पुलिस थाने में दी। जिसके बाद द्वारकेश के परिजन शिमला पहुंचे और द्वारकेश के अपने साथ लेकर आये।
दरअसल द्वारकेश की पढ़ाई में कोई दिलचस्पी नहीं थी लेकिन परिवार उसे जबरन पढ़ाना चाहता थामां-बाप उसे इंजीनियर बनाना चाहते थे। उसे इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं करनी पड़े इसलिए वह 14 अक्टूबर को घर छोड़कर भाग गया था।
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