जमीन के बाद आसमान में 'सड़क' बनाएंगे गडकरी, खर्च होंगे 1.25 लाख करोड़, उत्तराखंड को बड़ा फायदा

  1. Home
  2. Country

जमीन के बाद आसमान में 'सड़क' बनाएंगे गडकरी, खर्च होंगे 1.25 लाख करोड़, उत्तराखंड को बड़ा फायदा

nitin

गडकरी ने बताया कि कई चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्‍ट पर काम चल रहा है, इसमें हेमकुंड साहिब, केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे दुर्गम पहाड़ी रास्‍ते शामिल हैं। केदारनाथ रोपवे की ऊंचाई तो 3,600 मीटर है, जबकि यह 10 किलोमीटर लंबा होगा। एक घंटे में 3,600 लोगों को ले जाने की क्षमता इस ट्रॉली में होगी।


 

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का जमीन पर सड़कों और एक्‍सप्रेसवे का जाल बिछाने के बाद अगला लक्ष्‍य लोगों को आसमान के रास्‍ते सैर कराने का है। ऐसे दुर्गम रास्‍ते जहां सड़क मार्ग से जाना संभव नहीं और पैदल जाना चुनौती भरा होता है, वहां गडकरी ने हवाई रास्‍ता तलाशना शुरू कर दिया है।

उन्‍होंने अगले 5 साल का प्‍लान तैयार कर लिया है, जिस पर सवा लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। गडकरी ने नेशनल रोपवे डेवलपमेंट प्रोग्राम जो पर्वतमाला परियोजना का ही हिस्‍सा है, इसके तहत देशभर में 200 रोपवे प्रोजेक्‍ट बनाने का लक्ष्‍य रखा है। इसे 5 साल में तैयार कर लिया जाएगा और प्रोजेक्‍ट पर करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है।

गडकरी ने कहा है कि इसके लिए धन की व्‍यवस्‍था सरकार के साथ-साथ प्राइवेट कंपनियों से भी की जाएगी. योजना को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के जरिये पूरा किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री गडकरी का कहना है कि रोपवे व्‍यवस्‍था सिर्फ पहाड़ी स्‍थलों पर पर्यटन बढ़ाने में काम नहीं आएगा, बल्कि शहरी क्षेत्रों के लिए भी यह ट्रांसपोर्ट का सुगम साधन बन सकता है। मेरा पूरा विश्‍वास है कि रोपवे का निर्माण देश में टूरिज्‍म बढ़ाने के साथ नौकरियां पैदा करने और ट्रैफिक को आसान बनाने का मुख्‍य जरिया बन सकता है।

गडकरी ने बताया कि भारत में करीब 1,200 किलोमीटर के रोपवे प्रोजेक्‍ट तैयार किए जाएंगे, यह दुनिया का सबसे बड़ा रोपवे प्रोजेक्‍ट है। दरअसल, देश का 30 फीसदी हिस्‍सा पहाड़ और जंगलों से घिरा है, जहां सड़क या रेल मार्ग विकसित करना चुनौती है, इसका विकल्‍प रोपवे के जरिये पूरा किया जा सकता है।

उत्तराखंड में चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट

गडकरी ने बताया कि कई चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्‍ट पर काम चल रहा है, इसमें हेमकुंड साहिब, केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे दुर्गम पहाड़ी रास्‍ते शामिल हैं। केदारनाथ रोपवे की ऊंचाई तो 3,600 मीटर है, जबकि यह 10 किलोमीटर लंबा होगा। एक घंटे में 3,600 लोगों को ले जाने की क्षमता इस ट्रॉली में होगी।

पहाड़ी एरिया में रोपवे बनाने के साथ ही देश का पहला अर्बन रोपवे भी तैयार किया जा रहा है। वाराणसी में बन रहा यह प्रोजेक्‍ट 4 किलोमीटर लंबा है। अभी इस रास्‍ते को तय करने में 1 घंटा लगता है, जो घटकर 15 मिनट रह जाएगा।

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे