स्वतंत्रता दिवस | लाल किले पर PM मोदी का सबसे लंबा भाषण, संबोधन की खास बातें यहां जानिए

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स्वतंत्रता दिवस | लाल किले पर PM मोदी का सबसे लंबा भाषण, संबोधन की खास बातें यहां जानिए

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स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 11वीं बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उसके बाद देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने 98 मिनट लंबे अपने भाषण में सेकुलर कोड, रिफॉर्म, महिला अत्याचार, करप्शन और मेडिकल एजुकेशन से लेकर नई शिक्षा नीति का भी जिक्र किया।


नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 11वीं बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उसके बाद 98 मिनट तक देश को संबोधित किया। PM मोदी का यह अब तक का सबसे लंबा संबोधन रहा। आज से पहले स्वतंत्रता दिवस समारोह में उनका सबसे लंबा संबोधन 2016 में 96 मिनट का था, जबकि उनका सबसे छोटा संबोधन 2017 में था जब वह लगभग 56 मिनट बोले थे। पीएम मोदी ने 98 मिनट लंबे अपने भाषण में सेकुलर कोड, रिफॉर्म, महिला अत्याचार, करप्शन और मेडिकल एजुकेशन से लेकर नई शिक्षा नीति का भी जिक्र किया।

अपने 98 मिनट लंबे भाषण में PM मोदी ने सपनों के भारत की तस्वीर दिखाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते एक दशक में कई ऐसे सुधार किए गए हैं, जिनका असर अब दिखने लगा है और पूरी दुनिया में भारत की छवि सुधरी है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यूनिफॉर्म सिविल कोड, बांग्लादेश के हालात, बुनियादी ढांचे के विकास, सामान्य मानविकी की समस्याओं के निदान, निवेश आदि मुद्दों पर अपने विचार रखे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने लोगों को आगाह करते हुए ये भी कहा कि कुछ लोग देश को निराशा के गर्त में डुबोना चाहते हैं, लेकिन हमें उनसे सावधान रहना होगा।

पीएम मोदी ने अपने भाषण में बांग्लादेश का 4 बार जिक्र किया और कहा कि भारत उसकी मदद करता रहेगा। पीएम मोदी ने कोलकाता डॉक्टर मर्डर कांड पर भी इशारों-इशारों में कहा कि पापियों के मन में अब डर पैदा करना जरूरी है। वहीं, पीएम मोदी ने अगले पांच साल में 75 हजार मेडिकल सीटों का वादा किया। पीएम मोदी ने देश की चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि कई चुनौतियां हैं, देश के भीतर भी हैं और बाहर भी हैं। मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए संकट लेकर नहीं आता। जब हम विश्व में समृद्ध थे, तब भी हमने विश्व को कभी युद्ध में नहीं झोंका। हम बुद्ध का देश हैं, युद्ध हमारी राह नहीं है।

पीएम मोदी ने कहा, ‘देश में कुछ चिंता की बातें भी हैं। मैं यहां से अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। एक समाज के नाते हमें ये सोचना होगा कि हमारी माता, बहनों और बेटियों के साथ जो अत्याचार हो रहे हैं। उसके प्रति लोगों का आक्रोश है। राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो, राक्षसी काम करने वाले लोगों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो। समाज में विश्वास पैसा करने के लिए ये जरूरी है। महिलाओं पर अत्याचार की जब घटनाएं होती हैं तो उसकी बहुत ज्यादा चर्चा होती है। मगर जब ऐसा करने वाले राक्षसी व्यक्ति को सजा होती है तो इसकी खबर कोने में नजर आती है। इस पर चर्चा नहीं होती है। अब समय की मांग है कि ऐसा करने वाले दोषियों की भी व्यापक चर्चा हो ताकि ऐसा पाप करने वालों को भी डर हो कि उन्हें फांसी पर लटकना पड़ेगा। मुझे लगता है कि ये डर पैदा करना जरूरी है।’

पीएम मोदी ने कहा कि आज हर काम को चुनाव से रंग दिया गया है। सभी राजनीति दलों ने अपने विचार रखे हैं। एक कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयारी है। देश को वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए आगे आना होगा। मैं राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं कि भारत की प्रगति के लिए वन नेशन, वन इलेक्शन के सपने को साकार करने के लिए आगे आना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि परिवारवाद और जातिवाद से लोकतंत्र को नुकसान पहुंच रहा है। इससे हमें देश को मुक्ति दिलानी है। हमारा एक मिशन ये भी है कि एक लाख ऐसे लोगों को आगे लाया जाए, जिनके परिवार में किसी का भी राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं हो। इससे देश को परिवारवाद और जातिवाद से मुक्ति मिलेगी। इससे नयी सोच सामने आएगी। वे किसी भी दल में जा सकते हैं। भाई-भतीजावाद, जातिवाद समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं; राजनीति से इन्हें खत्म करना होगा। 

पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई ईमानदारी के साथ जारी रखने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि हमारा हर देशवासी भ्रष्टाचार के दीमक से परेशान रहा है, इसलिए हमने व्यापक रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इसकी कीमत भी चुकानी पड़ती है लेकिन उनकी प्रतिष्ठा राष्ट्र से बड़ी नहीं हो सकती। भ्रष्टाचार के प्रति लोगों के गुस्से और राष्ट्र की प्रगति में होने वाले नुकसान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘इसलिए, भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई ईमानदारी के साथ जारी रहेगी, तीव्र गति से जारी रहेगी और भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई जरूर होगी। मैं उनके लिए भय का वातावरण पैदा करना चाहता हूं। देश के सामान्य नागरिक को लूटने की जो परंपरा बनी है उस परंपरा को मुझे रोकना है।’

पीएम मोदी ने कृषि क्षेत्र में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है। उन्होंने रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत में आ रही गिरावट पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं और ऐसी कृषि पद्धतियों के लिए बजट आवंटन भी बढ़ाया गया है। मोदी ने भरोसा जताया कि भारत दुनिया का जैविक खाद्यान्न उत्पादक बन सकता है। उन्होंने कहा, ”हमारी कृषि प्रणाली में बदलाव लाना बहुत जरूरी है। यह समय की मांग है।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य होंगे और वहां हिंदू और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश की विकास यात्रा को लेकर शुभेच्छा रहेगी। पीएम मोदी ने कहा, ‘बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते हमें चिंता होना स्वाभाविक है।मैं आशा करता हूं कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू, अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें। शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है, हमारे संस्कार हैं। आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा के लिए हमेशा हमारी शुभेच्छा रहेगी, क्योंकि हम मानव जाति की भलाई के बारे में सोचने वाले लोग हैं।’

पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में पाकिस्तान को खबरदार किया। उन्होंने कहा कि कोरोना के संकटकाल को नहीं भूला जा सकता है। यही वो देश है, जहां जब आतंकवादी हमले करके चले जाते थे। जब देश की सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है। जब सेना एयरस्ट्राइक करती है तो युवाओं का सीना गर्व से भर जाता है। यही बातें हैं जो देशवासियों के मन को गर्व से भरती हैं।

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